सरदारपुर (धार) । अब बेटियों को परेशान करने वालों की खैर नहीं! सरदारपुर एसडीओपी विश्वदीपसिंह परिहार ने महिलाओं और स्कूली छात्राओं की सुरक्षा के लिए 'बेटी की पेटी' नामक एक नई पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत एसडीओपी कार्यालय, स्कूलों, कॉलेजों और छात्रावासों में शिकायत पेटियां लगाई जा रही हैं, जहां बेटियां अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार की शिकायत लिखकर डाल सकती हैं।
बेटी की पेटी: शिकायत गुप्त रखने की सुविधा
इस शिकायत पेटी का सबसे बड़ा फायदा यह है कि अगर कोई बेटी चाहे, तो अपनी पहचान गोपनीय रख सकती है। उसे अपना नाम या मोबाइल नंबर लिखने की कोई बाध्यता नहीं होगी। पुलिस द्वारा इन शिकायतों को गोपनीयता के साथ प्राथमिकता दी जाएगी और तुरंत कार्रवाई की जाएगी।
एसडीओपी परिहार की अपील: चुप न रहें, शिकायत करें!
एसडीओपी परिहार ने बेटियों से अपील करते हुए कहा कि वे अपने साथ होने वाले दुर्व्यवहार को बिल्कुल भी बर्दाश्त न करें। उन्होंने बताया कि अक्सर लड़कियां लोकलाज और सामाजिक दबाव के कारण अपनी तकलीफ किसी को नहीं बतातीं, जिससे अपराधियों का हौसला बढ़ जाता है। लेकिन अब 'बेटी की पेटी' में शिकायत डालकर वे इन असामाजिक तत्वों को सबक सिखा सकती हैं।
मनावर से मिली प्रेरणा, अब सरदारपुर में सख्त कार्रवाई
ध्यान देने योग्य बात यह है कि इस पहल की शुरुआत सबसे पहले मनावर एसडीओपी अनु बेनीवाल (आईपीएस) द्वारा की गई थी। सरदारपुर पुलिस ने इसे अपनाकर अपने क्षेत्र में भी इस अभियान को प्रभावी रूप से लागू किया है। धार एसपी मनोज कुमार सिंह और एएसपी डॉ. इंद्रजीत बाकलवार के निर्देश पर इसे और व्यापक बनाया जा रहा है।
बेटियों की सुरक्षा पर पुलिस की खास नजर
अब से स्कूल-कॉलेजों के बाहर खड़े मनचलों, अश्लील कमेंट करने वालों और दुर्व्यवहार करने वालों के खिलाफ पुलिस सख्त कार्रवाई करेगी। यदि किसी भी बेटी को किसी तरह की असुविधा हो रही है तो वह बिना किसी डर के 'बेटी की पेटी' में शिकायत दर्ज कर सकती है।