भारत के पहले खुले तौर पर समलैंगिक राजकुमार, मानवेंद्र सिंह गोहिल (Prince Manvendra Singh Gohil), LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों के लिए एक नई मिसाल कायम कर रहे हैं। एक रूढ़िवादी समाज में पले-बढ़े मानवेंद्र ने 2006 में अपनी पहचान सार्वजनिक की, जो समाज में बदलाव लाने वाला ऐतिहासिक क्षण था। उनके साहसिक कदम ने LGBTQIA+ समुदाय के प्रति लोगों की सोच बदलने में मदद की और उन्हें दुनिया भर में एक प्रेरणा बना दिया।
आज मानवेंद्र सिंह गोहिल सर्च एंड्स इन्क्लूजन इम्पैक्ट (SEII) के माध्यम से LGBTQIA+ अधिकारों को बढ़ावा दे रहे हैं। यह संगठन भेदभाव और पूर्वाग्रहों को मिटाने के लिए काम करता है। SEII कार्यस्थलों और समुदायों में समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए प्रशिक्षण और संसाधन प्रदान करता है। राजकुमार मानवेंद्र का मानना है कि समाज को हर व्यक्ति के लिए समान अवसर और सम्मान देना चाहिए।
राजकुमार मानवेंद्र ने अपनी शादीशुदा जिंदगी से भी समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है। उनके पति, एचएच प्रिंस डिएंड्रे रिचर्डसन ऑफ हनुमंतश्वर, के साथ उनकी शादी ने यह दिखाया कि सच्चा प्रेम हर सीमा को पार कर सकता है। उनकी हालिया पुस्तक "ए रॉयल कमिटमेंट: टेन ईयर्स ऑफ मैरिज एंड एक्टिविज्म" उनके जीवन और LGBTQIA+ अधिकारों के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। यह पुस्तक संघर्ष, स्वीकृति और सच्चे प्रेम की कहानी को विस्तार से पेश करती है।
इसके अलावा, मानवेंद्र सिंह गोहिल ने फिल्म "कटला करी" में अभिनय किया है, जो LGBTQIA+ समुदाय के अधिकारों और स्वीकृति का संदेश देती है। यह फिल्म समाज को प्रेम, स्वीकृति और विविधता के महत्व को समझाने का प्रयास करती है। फिल्म ने LGBTQIA+ समुदाय के लिए एक सकारात्मक माहौल तैयार करने में योगदान दिया है।
मानवेंद्र सिंह गोहिल का मानना है कि LGBTQIA+ अधिकार केवल एक समुदाय का मुद्दा नहीं है, बल्कि पूरे समाज के विकास और समानता का प्रश्न है। SEII के तहत वे जागरूकता अभियान और कार्यशालाएँ आयोजित करते हैं, जिनका उद्देश्य LGBTQIA+ व्यक्तियों को एक सुरक्षित और सहायक वातावरण प्रदान करना है। उनके नेतृत्व में SEII कार्यस्थलों और पर्यटन स्थलों पर समावेशिता को बढ़ावा देने के लिए प्रयासरत है।
राजकुमार मानवेंद्र के अनुसार, जब समाज सभी को उनकी पहचान के साथ स्वीकार करता है, तो यह न केवल मानवाधिकारों की जीत होती है, बल्कि इससे समाज का आर्थिक और सांस्कृतिक विकास भी संभव होता है। उनकी सोच और प्रयासों ने उन्हें भारत और विश्व स्तर पर LGBTQIA+ समुदाय के लिए एक सम्मानित चेहरा बना दिया है।
मानवेंद्र सिंह गोहिल का जीवन संघर्ष, प्रेम, और समर्पण की कहानी है। उनके प्रयास LGBTQIA+ समुदाय के लोगों को सशक्त बना रहे हैं और दुनिया को यह सिखा रहे हैं कि समानता और समावेशिता हर समाज का आधार होना चाहिए।