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"जहां दुनिया अनदेखी करती रही,अर्चना सिंगरौल ने सेवा से रची अपनी कहानी"



   पवई, जिला पन्ना, मध्य प्रदेश – जहां आज की दुनिया में सोशल मीडिया के मंच पर नाच-गाने और दिखावे का बोलबाला है, वहीं कुछ लोग हैं जो अपनी निस्वार्थ सेवा से समाज में एक अलग पहचान बना रहे हैं। ऐसी ही एक प्रेरणादायक शख्सियत हैं कौशल्या ह्यूमैनिटी फाउंडेशन की संस्थापक अध्यक्ष अर्चना सिंगरौल, जिन्होंने समाज सेवा के क्षेत्र में अपने कार्यों से खुद को एक मिसाल के रूप में स्थापित किया है।

   हाल ही में पवई के रेस्ट हाउस के सामने सड़क किनारे एक घायल बछड़ा दो दिनों से दर्द से तड़पता पड़ा था। हजारों लोग उस रास्ते से गुजरे, पर किसी ने उसकी ओर ध्यान नहीं दिया। लेकिन अर्चना सिंगरौल ने उसे देखकर त्वरित कदम उठाया। बिना कोई देरी किए, उन्होंने तुरंत पशु चिकित्सक को बुलाया और बछड़े का उपचार कराया। इस भागदौड़ भरी दुनिया में, जहां लोग अक्सर दूसरों की पीड़ा को अनदेखा कर देते हैं, अर्चना ने मानवता की सच्ची मिसाल पेश की।

  महज 15 साल की उम्र से समाज सेवा के क्षेत्र में सक्रिय अर्चना ने समाज की भलाई के लिए अनगिनत कार्य किए हैं। उनके संगठन के द्वारा बच्चों को शिक्षा सामग्री, कपड़े, भोजन और फल वितरित किए जाते हैं। इसके साथ ही वे रक्तदान शिविरों का आयोजन भी करती हैं और गांव-गांव जाकर लोगों को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलवाती हैं। अर्चना का मानना है कि समाज की सच्ची सेवा वहीं है, जहां जरूरतमंदों की मदद के लिए हर समय तैयार रहा जाए।

  अर्चना का जीवन प्रेरणादायक है। वे न केवल बच्चों को शिक्षा के प्रति जागरूक करती हैं, बल्कि उन परिवारों को भी मदद पहुंचाती हैं जो संसाधनों की कमी से जूझ रहे हैं। उनका हर कदम एक नए बदलाव की ओर होता है। उन्होंने यह सब समाज सेवा की प्रेरणा अपनी बड़ी बहन अंजू सिंगरौल से ली, और तब से वे निरंतर समाज के प्रति समर्पित हैं। 

  दिल्ली यूनिवर्सिटी से शिक्षा प्राप्त करने वाली अर्चना एक किसान परिवार से हैं और अपने गांव पवई, जिला पन्ना, मध्य प्रदेश में रहकर समाज सेवा के कार्यों को अंजाम दे रही हैं। 

  आज, जब दुनिया अपनी व्यस्तताओं में खोई हुई है और लोगों के पास दूसरों के लिए समय नहीं है, अर्चना सिंगरौल जैसी समाजसेवी हम सभी को यह याद दिलाती हैं कि असली सफलता और खुशी दूसरों की मदद में है। उनकी निस्वार्थ भावना और समर्पण आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल है, जो हमें बताती है कि हम केवल अपने लिए नहीं बल्कि समाज के लिए भी कुछ करने आए हैं।

  अर्चना सिंगरौल न केवल पन्ना जिले की बल्कि पूरे समाज की सेवा की एक अद्वितीय मिसाल हैं। उनके कार्य हमें सिखाते हैं कि असली सेवा वह है, जो दूसरों के चेहरे पर मुस्कान लाए और दुनिया को थोड़ा बेहतर बना सके।

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