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खबरदार सरकार: महंगा टोल,गड्ढों भरी सड़कें—क्या यही है विकास का मापदंड?



  इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन पर टोल टैक्स के बदले मिल रही है गड्ढों वाली सड़कें,मरम्मत के नाम पर अस्थायी समाधान....

अक्षय भंडारी,राजगढ़ (धार)

  धार /राजगढ़ । इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन, जिसे मध्य प्रदेश और गुजरात के बीच महत्वपूर्ण मार्ग माना जाता है, पर इन दिनों वाहन चालकों की समस्याएं थमने का नाम नहीं ले रही हैं। महंगे टोल टैक्स के बावजूद, सड़कों की दुर्दशा और खराब मरम्मत ने लोगों की उम्मीदों को गहरे गड्ढों में धकेल दिया है। सवाल यह उठता है कि आखिर इतना टोल वसूला जा रहा है, तो सड़कें उच्च गुणवत्ता की क्यों नहीं हैं?

 गड्ढों से भरी फोरलेन: भारी टोल के बाद भी मिले गड्ढे

  जानकारी के अनुसार महू से गुजरात की सीमा तक का 16 किलोमीटर का हिस्सा विशेष रूप से खराब स्थिति में है। इस क्षेत्र में 47 स्थानों पर गड्ढे हैं, जो न सिर्फ यात्रियों की सुरक्षा को खतरे में डाल रहे हैं, बल्कि यात्रा की गति और सुविधा को भी प्रभावित कर रहे हैं। जब वाहन चालक भारी टोल टैक्स अदा कर रहे हैं, तो सड़कों की हालत इस स्तर पर क्यों है?

माननीय नितिन गडकरी जी,जमीनी हकीकत पर भी बात करें

  केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी जी, आपने देशभर में सड़कों और हाइवे के विकास के बड़े-बड़े वादे किए हैं, और उनमें से कुछ सच भी हुए हैं। लेकिन यहां, इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन पर जो स्थिति है, वह आपके दावों से मेल नहीं खाती। टोल टैक्स वसूली का मापदंड सड़कों की गुणवत्ता होनी चाहिए, न कि केवल राजस्व बढ़ाने का साधन। अगर सरकार की प्राथमिकता विकास है, तो सड़कों की गुणवत्ता को शीर्ष पर रखना अनिवार्य है।

जनता का सवाल: "महंगा टोल, पर गड्ढों से भरी सड़क क्यों?"

  जनता के मन में एक स्पष्ट सवाल है: जब टोल टैक्स इतना महंगा है, तो फिर गड्ढों वाली सड़क क्यों मिल रही है? आखिरकार, टोल के बदले उत्कृष्ट सड़कों की अपेक्षा करना कोई बेमानी नहीं है। वाहन चालक कह रहे हैं, "टोल के हिसाब से सड़कों की सूरत क्यों नहीं सुधरती?" स्थानीय लोगों और यात्रियों का आक्रोश बढ़ रहा है और वे चाहते हैं कि संबंधित विभाग इस गंभीर समस्या का स्थायी समाधान निकाले।

सरकार से समाधान की उम्मीद

  अब समय आ गया है कि सरकार और संबंधित विभाग इस समस्या पर गंभीरता से ध्यान दें। इंदौर-अहमदाबाद फोरलेन पर तुरंत और दीर्घकालिक मरम्मत की आवश्यकता है। पेवर ब्लॉक जैसे अस्थायी उपाय से समस्या का हल नहीं होगा। जनता को उच्च गुणवत्ता वाली सड़कें मिलनी चाहिए, खासकर तब जब वे भारी टोल टैक्स का भुगतान कर रहे हैं।

  माननीय नितिन गडकरी जी, यह मुद्दा न केवल सड़कों की स्थिति का है, बल्कि जनता के विश्वास का भी है। आपके विभाग ने सड़कों के विकास के बड़े वादे किए हैं, अब इन्हें जमीनी हकीकत में साबित करने का समय है।

सड़क_जैसी_सूरत_वैसा_हो_टोल ,सड़क_से_सुरक्षित_सफर

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