ओमकार पालव: एक भारतीय आईटी प्रोफेशनल ने नाक से टाइपिंग कर रचा इतिहास
भारतीय मूल के आईटी प्रोफेशनल ओमकार पालव, जो वर्तमान में ऑस्ट्रेलिया में निवास कर रहे हैं, ने एक अनोखी उपलब्धि हासिल करते हुए गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड अपने नाम किया है। "टाइपिंग मैन ऑफ ऑस्ट्रेलिया" के नाम से प्रसिद्ध ओमकार ने 20 जुलाई, 2024 को अपनी नाक से पूरी वर्णमाला को मात्र 20.51 सेकंड में टाइप करके यह कीर्तिमान स्थापित किया। यह रिकॉर्ड न केवल उनके असाधारण कौशल का प्रमाण है, बल्कि उनकी अद्वितीय प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को भी दर्शाता है।
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Omkar Palav |
ओमकार पालव का जन्म 7 सितंबर, 1986 को मुंबई के लालबाग में हुआ था। एक सामान्य मध्यमवर्गीय परिवार में पले-बढ़े ओमकार ने अपनी शिक्षा में उत्कृष्टता प्राप्त की। उन्होंने वसंतदादा पाटिल प्रतिष्ठान के इंजीनियरिंग कॉलेज से सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) में इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की, जो मुंबई विश्वविद्यालय से संबद्ध है। अपनी शिक्षा के दौरान ही उन्होंने तकनीकी क्षेत्र में गहरी रुचि विकसित की, जो आगे चलकर उनके करियर का मार्गदर्शन बनी।
ओमकार पालव ने पिछले 15 वर्षों में एक सफल आईटी करियर का निर्माण किया है। उन्होंने इंफोसिस लिमिटेड, कॉग्निज़ेंट टेक्नोलॉजी सॉल्यूशंस, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज़ और एएमपी लिमिटेड जैसी विश्वस्तरीय कंपनियों में काम किया है। अपने काम के प्रति समर्पण और नवीनता की भावना के कारण, ओमकार ने अपने क्षेत्र में एक अलग पहचान बनाई है। उनके सहयोगी और उद्योग विशेषज्ञ उनके काम की प्रशंसा करते हैं और उन्हें एक अत्यधिक कुशल पेशेवर मानते हैं।
ओमकार पालव के जीवन का सबसे बड़ा मील का पत्थर 20 जुलाई, 2024 को आया, जब उन्होंने गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में अपना नाम दर्ज करवाया। उन्होंने अपनी नाक से मात्र 20.51 सेकंड में पूरी अंग्रेजी वर्णमाला को टाइप कर यह रिकॉर्ड हासिल किया। इस असाधारण उपलब्धि को वह अपनी बेटी अंजनी पालव, अपने माता-पिता विजय पालव और वर्षा पालव, और अपने भाई गजानन पालव को समर्पित करते हैं। उन्होंने इस सफलता को विश्वभर के भारतीयों और ऑस्ट्रेलियाई नागरिकों को समर्पित करते हुए कहा कि यह उनकी मेहनत और समर्थन का ही परिणाम है।
इंडियनलिंक मीडिया ग्रुप के साथ साक्षात्कार
हाल ही में, ओमकार पालव का साक्षात्कार इंडियनलिंक मीडिया ग्रुप द्वारा लिया गया, जो श्री पवन लूथरा और श्रीमती रजनी लूथरा के स्वामित्व में है। इस साक्षात्कार के आधार पर उनका लेख आज प्रकाशित हुआ है। ओमकार ने कहा कि यह उनके लिए गर्व का क्षण है, और वह इस उपलब्धि को दुनिया भर में अपने प्रशंसकों के साथ साझा करना चाहते हैं।
ओमकार पालव की यह उपलब्धि न केवल उनके लिए, बल्कि सभी भारतीयों और ऑस्ट्रेलियाई लोगों के लिए गर्व की बात है। उनके इस रिकॉर्ड ने यह साबित कर दिया है कि अगर जुनून और संकल्प हो, तो कोई भी असंभव कार्य संभव हो सकता है। उनकी कहानी दूसरों के लिए प्रेरणा स्रोत है, जो दर्शाती है कि कैसे एक साधारण व्यक्ति अपनी असाधारण प्रतिभा के बल पर विश्व रिकॉर्ड धारक बन सकता है।