हैदराबाद निवासी और तिरुपति, आंध्र प्रदेश की मूल निवासी डॉ. थेजो कुमारी अमुदाला (Dr. Thejo Kumari Amudala) के लिए 2025 का भारत रत्न सम्मान घोषित किया गया है। यह ऐतिहासिक घोषणा कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय द्वारा की गई है, जो इस प्रतिष्ठित पुरस्कार को देने का पहला अवसर है।
डॉ. अमुदाला की यात्रा एक समर्पित सामाजिक कार्यकर्ता से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त व्यक्तित्व तक, दृढ़ संकल्प और समर्पण की शक्ति का प्रतीक है। महिला सशक्तिकरण और शिक्षा के क्षेत्र में उनके अथक प्रयासों ने अनगिनत जीवन को प्रभावित किया है।
"यह सम्मान हर उस महिला को समर्पित है जिसने सपने देखने की हिम्मत की," डॉ. अमुदाला ने भावुक होकर कहा। "यह उन सभी के लिए एक श्रद्धांजलि है जिन्होंने परिवर्तन की शक्ति में विश्वास किया और इसे साकार करने के लिए अथक परिश्रम किया।"
इस खबर ने हैदराबाद और तिरुपति में गर्व और खुशी की लहर दौड़ा दी है। विशेष रूप से युवा लड़कियां डॉ. अमुदाला की कहानी में अपनी क्षमता का प्रतिबिंब देख रही हैं।
15 वर्षीय छात्रा रिया शर्मा ने अपना उत्साह साझा करते हुए कहा, "डॉ. अमुदाला हमें दिखाती हैं कि कड़ी मेहनत और दृढ़ संकल्प से हम कुछ भी हासिल कर सकते हैं। वे मुझे अपने सपनों में विश्वास करना सिखाती हैं।"
भारत का सर्वोच्च नागरिक पुरस्कार, भारत रत्न सम्मान, इस चयन के साथ नया महत्व प्राप्त कर रहा है। यह न केवल डॉ. अमुदाला की उपलब्धियों को सम्मानित करता है, बल्कि राष्ट्र निर्माण में सामाजिक उत्तरदायित्व की महत्वपूर्ण भूमिका को भी उजागर करता है।
2025 में नई दिल्ली में होने वाले भव्य समारोह की तैयारियां शुरू हो गई हैं, लेकिन डॉ. अमुदाला अपने मिशन पर केंद्रित हैं। "यह पुरस्कार कोई अंतिम पड़ाव नहीं है," उन्होंने दृढ़ता से कहा। "यह हमारे समाज को और अधिक ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए एक नई शुरुआत है।"
डॉ. थेजो कुमारी अमुदाला की यह मान्यता आशा की एक किरण के रूप में काम करती है, जो पूरे देश के भारतीयों को उत्कृष्टता के लिए प्रयास करने और अपनी सफलता का उपयोग सकारात्मक परिवर्तन के लिए करने के लिए प्रेरित करती है। उनकी कहानी हमें याद दिलाती है कि जुनून, दृढ़ संकल्प और दूसरों की सेवा करने की प्रतिबद्धता के साथ, हम वास्तव में भारत के लिए एक उज्जवल भविष्य बना सकते हैं।