राजगढ़ / धार । मानव को अपनी मेहनत के अनुसार जो भाग्य में लिखा है वह मिलना तय है पर जो भी मिलना है वह उसके द्वारा किये गये सद कार्य की वजह से ही मिलेगा। जितना उसका पुण्य प्रबल होगा उसे उसी अनुरुप जीवन में सफलता प्राप्त होगी। जीवन में बुरे काम करने के बाद यदि व्यक्ति सफलता की उम्मीद रखता है उसका कोई अर्थ नहीं है। मुनिश्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. ने दृष्टांत के माध्यम से बताया कि छोटा सा नियम ले लेने से व्यक्ति के जीवन में कितना बड़ा बदलाव आता है यह सिर्फ नियम लेने वाला व्यक्ति ही समझ सकता है। पूर्व जन्म में छोटा सा अभयदान का नियम लेने वाला व्यक्ति अगले भव में पांच बार मोत के मुंह से बचकर अनेक सम्पतियों का मालिक बनकर नगर सेठ बन जाता है इस लिये जीवन में कुछ ना कुछ नियम जरुर लेना चाहिये। जीवन में हमेशा दया और करुणा के भाव रखने चाहिये क्योंकि दया ही धर्म का मूल है।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टांलकार वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सुमंगलाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री रश्मिरेखाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा गुरु ऋषभ समर्पण चातुर्मास के दौरान 200 आराधक चातुर्मास की आराधना कर रहे है।
आज रविवार को श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर श्री गौतमस्वामी महापूजन का भव्य आयोजन किया गया ।
चातुर्मास में सभी आराधक एकासने की तपस्या के साथ धर्म आराधना में लीन है। इस अवसर पर साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा. ने प्रतिदिन चल रहे "शांत सुधारस" ग्रंथ एवं अमरकुमार
सुर सुन्दरी चरित्र पर विस्तृत प्रवचन प्रदान किये। आराधकों ने श्री गौतमस्वामी महापूजन में बढ़चढ़कर हिस्सा लिया । आज रविवार को विश्व हिन्दु परिषद के केन्द्रीय मंत्री अजयजी पारिख ने तीर्थ पर विराजित मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. से आशीर्वाद प्राप्त कर आगामी कार्यक्रम हेतु विशेष चर्चा की ।