राजगढ़/धार। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में अर्हत् ध्यानयोगी गच्छाधिपति आचार्यदेवेष श्रीमद्विजय रवीन्द्रसुरीश्वरजी म.सा. का 8 वां पुण्यदिवस गुणानुवाद सभा के साथ भावांजलि अर्पित करके मनाया गया ।
दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीष्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के सप्तम पट्टधर अर्हत् ध्यानयोगी गच्छाधिपति आचार्यदेवेष श्रीमद्विजय रवीन्द्रसूरीष्वरजी म.सा. का 8 वां पुण्यदिवस गच्छाधिपति आचार्यदेवेष श्रीमद्विजय हितेषचन्द्रसूरीष्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सुमंगलाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री रष्मिरेखाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में गुणानुवाद सभा हुई । गुणानुवाद सभा मंे तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी मांगीलाल पावेचा व साधार्मिकभक्ति के लाभार्थी मनीष प्रकाषचंदजी चाईस, तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेष जैन, अरविंद जैन युवा सहयोगी सहित राजगढ़ नगर के कई वरिष्ठ समाजसेवियों ने आचार्य रवीन्द्रसूरीष्वरजी म.सा. के चित्र पर माल्यार्पण कर धुप, दीप प्रज्वलित कर भावांजलि अर्पित की साथ ही आचार्यश्री रवीन्द्रसूरीष्वरजी म.सा. के समाधि मंदिर में भी धुप, दीप प्रज्वलित कर माल्यार्पण करके पुष्पांजलि अर्पित की गई । आचार्यश्री के समाधि मंदिर पुष्प सज्जा से सजाया गया । गुणानुवाद सभा में तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी श्री सेठ ने भावांजलि अर्पित करते हुए कहा कि आचार्यश्री बहुत ही सरल और सहज स्वभाव के थे वे सिर्फ अपनी ध्यान साधना में हमेषा लिप्त रहते थे । सेठ ने कहा कि 19 जुलाई को आत्मिक चातुर्मास हेतु श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में मुनि भगवन्त व साध्वी भगवन्त का प्रवेष होगा और 20 जुलाई से चातुर्मास प्रारम्भ होगा । अधिक से अधिक संख्या में आराधक अपनी आत्मा को शुद्ध करने के उद्देष्य से इस चातुर्मास में जुड़कर अपनी आत्मा का कल्याण करें व पुण्योपार्जन करें । गुणानुवाद सभा के पष्चात् स्वामीवात्सल्य का लाभ परम गुरुभक्त मनीष प्रकाषचन्दजी चाईस परिवार द्वारा लिया गया । दोपहर में गायों को गौषाला में हरी घास व गुड़ लापसी परोसी गई ।