(अक्षय भण्डारी की रिपोर्ट)
मध्यप्रदेश के धार जिले के सरदारपुर के ग्राम पंचायत धुलेट में एक चिंताजनक घटना सामने आई है। यहाँ फोरलेन पर खरमोर अभ्यारणय के पास साउंड प्रूफ दीवार के निकट एक राष्ट्रीय पक्षी मोर मृत पाया गया। इस घटना ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
स्थानीय निवासियों की सूचना पर वन विभाग की कार्रवाई
घटना की सूचना वन विभाग को दी गई, जिसके बाद वन विभाग से वनरक्षक बीट गार्ड पानपुरा, अकरम सिंह भूरिया मौके पर पहुंचे। स्थानीय निवासी कन्हैयालाल अमराजी हामद, गोविन्द पडियार और कन्हैयालाल जमादारी ने इस मामले की जानकारी और मदद की।
सोशल मीडिया पर उठ रहे सवाल
सोशल मीडिया पर चल रही खबरों के अनुसार, ऐसा कहा जा रहा है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर साउंड प्रूफ दीवार से टकराने के कारण मृत हुआ है। लेकिन असली सवाल यह है कि राष्ट्रीय पक्षी मोर आखिरकार क्यों सुरक्षित नहीं है?
मोर की सुरक्षा पर ध्यान देने की आवश्यकता
धुलेट गाँव,जो कि खरमोर अधिसूचित क्षेत्र है, वहाँ खरमोर पक्षी की सुरक्षा के लिए जितना खर्च होता है, शायद उतना ही ध्यान मोर की सुरक्षा पर भी दिया जाना चाहिए। एक ओर जहाँ खरमोर पक्षी के आने की खबर नहीं है, वहीं दूसरी ओर मोर की मौत के पीछे पास में बने पॉवर ग्रिड से निकलने वाली पॉवर लाइन भी एक कारण हो सकती है।
वन विभाग के संसाधनों की कमी
वन विभाग अपनी पूरी मेहनत करता है, लेकिन केंद्र और राज्य शासन से मिलने वाली सुविधाओं और स्वीकृति की कमी के कारण उन्हें सीमित संसाधनों में ही काम करना पड़ता है। इस ओर पक्षीविदों को भी ध्यान देने की आवश्यकता है।
मोर की सुरक्षा की दरकार
राष्ट्रीय पक्षी मोर की मौत के इस दुखद घटना ने एक बार फिर से हमारी सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अक्सर राष्ट्रीय पक्षी मोर से स्नेह करती हुई तस्वीरें देखने को मिलती हैं, लेकिन अब इन मोरों को वास्तव में अपनी सुरक्षा की दरकार है। केंद्र और राज्य सरकार को इस ओर ध्यान देना होगा।
वन्यजीव संरक्षण की दिशा में विचार
यह घटना वन्यजीव संरक्षण और सुरक्षा की दिशा में गंभीरता से विचार करने का एक महत्वपूर्ण संकेत है। हमें मिलकर प्रयास करना होगा कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हो और हमारे राष्ट्रीय पक्षी मोर समेत सभी वन्यजीव सुरक्षित रहें।