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श्री मोहनखेड़ा तीर्थ में श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ अट्ठम तप की आराधना पूर्ण गुरुवार को होगें पारणे,90 आराधकों ने की अट्ठम तप की आराधना



   राजगढ़/धार । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टांलकार वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री सद्‌गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सुमंगलाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री रश्मिरेखाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा गुरु ऋषभ समर्पण चातुर्मास के दौरान 200 आराधक चातुर्मास की आराधना कर रहे है।

   आज बुधवार को श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर श्री शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के अट्ठम तप तेले की भव्य आराधना पूर्ण हुई। जिसमें 80 अट्ठम तप के आराधकों एवं 10 साकली आयंबिल के साथ अट्ठम तप के आराधकों का बहुमान श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ की ओर से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ट्रस्टी जयंतीलाल बाफना, ट्रस्टी मेघराज जैन ट्रस्ट के युवा सहयोगी अरविंद जैन महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता सहप्रबंधक प्रीतेश जैन राजगढ़ नगर के पूर्व पार्षद नरेन्द्र भण्डारी आदि ने किया । चातुर्मास में सभी आराधक एकासने की तपस्या के साथ धर्म आराधना में लीन है। गुरुवार को प्रातः देववंदन के पश्चात् सभी अट्ठम तप के आराधक पारणा करेगें । 

    आज प्रवचन में मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. ने अपनी प्रवचन वाणी में कहा कि मानव काजी वन क्रिकेट के वनडे मेच जैसा है। मानव 50 वर्ष की उम्र तक निंद्रा में ही अपना जीवन निकाल देता है 50 वर्ष की उम्र के पश्चात् जब गम्भीरता को धारण करता है तब वह क्रिकेट के मैच जैसा रन तो बनता है पर उन 50 औवरों में से प्रतिदिन उसके औवर कम होते चले जाते है। उपर बैठा प्रभु रुपी अम्पायर कब उसे रन आउट या कैच आउट देकर दुनिया से बुला ले कोई भरोसा नहीं है। हमें अपने जीवन में यह प्रयास करना चाहिये कि हम अच्छे कर्म करते रहे और जीवन के रन बनाते रहे कोशिश यह रहे कि प्रभु रुपी अम्पायर हमें मौक्ष की ट्राफी दे दे। इस अवसर पर साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा. ने शंखेश्वर पार्श्वनाथ भगवान के जीवन इतिहास पर आराधकों से विस्तृत चर्चा की और प्रतिदिन चल रहे "शांत सुधारस" ग्रंथ एवं अमरकुमार सुर सुन्दरी चरित्र पर विस्तृत प्रवचन प्रदान किये। आज प्रवचन में प्रभावना व मंगलवार के महापूजन में लक्की ड्रा का लाभ सुरेशकुमारजी चांदमलजी जैन राजगढ़ वालों ने लिया। दोपहर में मंदिरजी में श्री उवस्सग्गहरं पार्श्वनाथ महापूजन का भव्य आयोजन किया गया। जिसमें सभी आराधको ने बढचढ कर हिस्सा लिया ।

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