ठाणे। 8 मार्च को मातृ तेरेसा के नाम पर आयोजित मदर टेरेसा नारी सम्मान पुरस्कार 2024 का आयोजन महिला दिवस के उत्सव में सफलतापूर्वक हो गया। इस समारोह में मराठी ग्रंथ संग्रहालय, सरस्वती मंदिर, द्वितीय मंजिल, नेताजी शुभाष पथ, ठाणे, मुंबई के स्थान पर यह सम्मान पुरस्कार संचित हुआ। इस आयोजन का संगठन अमोल भगत ने किया और एबीएम मीडिया ग्रुप ने प्रस्तुत किया।
महत्वपूर्ण व्यक्तित्वों को इस पुरस्कार समारोह में आमंत्रित किया गया और उन्हें पुरस्कृत किया गया। मुख्य अतिथि महाराष्ट्र राज्य के न्यायिक मानवाधिकार परिषद के उपाध्यक्ष आश्विनी भालेराव, बॉलीवुड अभिनेत्री-गायिका डॉ. शाशी सरगम, अभिनेता बृजेश सेमवाल, विशेष अतिथि साक्षी लोहरुका, सिद्धेश जाधव - अंतरराष्ट्रीय पृष्ठांगन न्यायकर्ता, कासिम नाडकर - अंतरराष्ट्रीय कराटे चैंपियन गोल्ड मेडलिस्ट इंडिया, मंगेश देवके - सिनेस्टार एंटरटेनमेंट के संस्थापक, डॉ. दिप्ति जोशी - सामाजिक कार्यकर्ता, और सुमित पवार - श्री बालाजी एंटरप्राइजेस के प्रबंधक शामिल थे।
इस समारोह में, महिलाओं को अपने अनूठे योगदान के लिए सम्मानित किया गया। सम्मान प्राप्तकर्ताओं में समाज सेविका, कला, संगीत, अभिनय, खेल, और विशेष योगदान वाली व्यक्तित्व शामिल थे।
मातृ तेरेसा नारी सम्मान पुरस्कार 2024 का आयोजन अमोल भगत मीडिया ग्रुप के द्वारा किया गया था। इस सम्मान समारोह में समाज के विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाली महिलाओं को सम्मानित किया गया और उन्हें प्रोत्साहित किया गया।
मातृ तेरेसा नारी सम्मान पुरस्कार 2024 के आयोजन का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के योगदान को मान्यता और सम्मान देना था। इस समारोह ने महिलाओं को सामाजिक, आर्थिक, और सांस्कृतिक रूप से सशक्त करने के प्रयासों को प्रोत्साहित किया।
मातृ तेरेसा नारी सम्मान
पुरस्कार 2024 का आयोजन विशेष रूप से महिला शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक कार्य, और उद्यमिता को प्रोत्साहित करने के लिए किया गया। इस समारोह के माध्यम से, महिलाओं के योगदान को मान्यता देने का संदेश समाज में पहुंचाया गया।
इस समारोह में सम्मानित किए गए लोगों को समर्पित किया गया और उन्हें उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया। इस समारोह ने महिलाओं के उत्कृष्ट कार्यों को प्रोत्साहित किया और समाज में उनके योगदान को मान्यता दी।
इस समारोह के आयोजन में समर्थन करने वाले सभी लोगों का धन्यवाद किया जाता है। इस समारोह ने महिलाओं के योगदान को मान्यता देने और समाज में उनके प्रति सम्मान को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।