Little Rann of Kutch घुड़खर के लिए विशेष रूप से जाना जाता है। इसे भारतीय जंगली गधा भी कहा जाता है। घुड़खर (Equus hemionus khur) भारत में सबसे तेज़ दौड़ने वाले जानवरों में से एक है जो 70 से 80 किमी प्रति घंटे की रफ़्तार से दौड़ सकता है और थकने पर भी यह 45 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से दौड़ सकता है। घुड़खर का वजन 200 से 250 किलोग्राम, लंबाई 210 सेमी, ऊंचाई 110 से 120 सेमी, गर्भधारण अवधि 11 माह और जीवन काल 20 वर्ष तक होता है।
भूतकाल में घुड़खर पश्चिम भारत और पाकिस्तान के काई प्रदेशो में देखने को मिलते थे. इनके प्रचलन में गिरावट क्यों आई इसका सटीक कारण ज्ञात नहीं है। हालाँकि माना जाता है कि 1958 और 1960 के बीच मक्खियों द्वारा फैली 'सुर्रा' नामक महामारी ने उनकी जनसंख्या में गिरावट में प्रमुख भूमिका निभाई थी। इसके अलावा 1961 में कई घोड़े दक्षिण African horse sickness (AHS) के शिकार हो गए।
Wild Ass Sanctuary मैं 32 अन्य प्रकार के स्तनधारियों का घर है जिनमें चिंकारा (भारतीय चिकारा), दो प्रकार के रेगिस्तानी लोमड़ी (भारतीय और सफेद पैर वाले), सियार, कैराकल, नीलगाय (एशिया का सबसे बड़ा मृग), भारतीय भेड़िये, ब्लैकबक्स शामिल हैं। और धारीदार लकड़बग्घे। हर साल Wild Ass Sanctuary 75000 पक्षियों को आकर्षित करता है, जिनमें कुछ प्रवासी पक्षी भी शामिल हैं। अभयारण्य कुछ प्रवासी पक्षियों जैसे सैंडग्राउज़, डेजर्ट व्हीटियर्स, लार्क की दस प्रजातियाँ, व्हाइट-ब्राउड बुलबुल, इंडियन कौरसर, स्टोनप्लोवर्स, श्रीक्स, बत्तख, गीज़, इबिस, स्पूनबिल्स, गॉडविट्स, स्टिन्ट्स, सैंडपाइपर्स, शैंक्स, मूरहेन्स, सारस क्रेन, दोनों भारतीय राजहंस और पेलिकन हे. अभयारण्य में अकशेरुकी जीवों की 93 प्रजातियाँ भी हैं, जिनमें क्रस्टेशियंस, कीड़े, मोलस्क, मकड़ियों, एनेलिड्स और ज़ोप्लांकटन जैसी प्रजातियाँ शामिल हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक अब तक 182 जितनी पक्षियों की प्रजातियों का पता चला हैं।
Indian Wild Ass Sanctuary जिसे जंगली गधा वन्यजीव अभयारण्य भी कहा जाता है, भारत के गुजरात राज्य में कच्छ के छोटे रण (LRK) में स्थित है। यह 4954 वर्ग किमी क्षेत्र में फैला हुआ है। Wildlife Sanctuary 1972 में स्थापित किया गया था और 1972 के Wildlife Protection Act के तहत आया था। इसे Forest Department द्वारा एक बायोस्फीयर रिजर्व के रूप में नामित किया गया है जो UNESCO के मैन एंड बायोस्फीयर (एमएबी) कार्यक्रम के ढांचे के भीतर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त स्थलीय और तटीय पारिस्थितिकी तंत्र के क्षेत्र हैं। यह जैविक विविधता के संरक्षण, अनुसंधान, निगरानी और सतत विकास मॉडल प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करेगा, प्रस्ताव यूनेस्को को भेजा गया है और सूचीबद्ध किया गया है।
कच्छ का छोटा रन (Desert) सिर्फ प्राकृतिक सुंदरता सेही नहीं जाना जाता इस क्षेत्र ने स्थानीय परंपराओं और संस्कृति को भी खूबसूरती से संरक्षित किया है। इस क्षेत्र में भरवाड, अगरिया, मीर और रबारी सहित और भी कई जातीय जनजातियाँ निवास करती हैं। Wild Ass Sanctuary अहमदाबाद से 130 किमी, Viramgam से 45 किमी, Rajkot से 175 किमी और Bhuj से 265 किमी दूर है और Bajana Village के करीब है। छह लोगों तक के प्रति वाहन से परमिट शुल्क लिया जाता है। सप्ताह के दौरान सोमवार से शुक्रवार तक भारतीयों के लिए दर 600 रुपये, वन परमिट शुल्क 400 रुपये, गाइड शुल्क 500 रुपये और कैमरा चार्ज 200 रुपये है। सफ़ारी का समय सुबह के 7.00 बजे से दोपहर 1.00 बजे तक और दोपहर 2.30 बजे से शाम 6.30 बजे तक है।
इतने कम खर्च में आपको बहुत सारे पक्षी देखने को मिलेंगे, बहुत सारे जानवर देखने को मिलेंगे, वहां के लोग और संस्कृति को आप जान पाओगे, अच्छी तसवीरें ले पाओगे इसलिए आपका जो कुछ भी खर्च होगा वह व्यर्थ नहीं जाएगा क्यों की वहां लोगों ने भी बोला है कि "Little Rann of Kutch" किसी को निराश नहीं करता। इसिलिये Junagadh स्थित Photographer and Filmmaker Alfez Bhatti का कहना है कि "Wild Ass Sanctuary" की सुंदरता आपको मंत्रमुग्ध कर देगी। तो देर किस बात की जल्दी ही Little Rann of Kutch (LRK) विजिट किजिए और अपने जीवन की बेहतरीन यादगिरी बनाइये।