सरदारपुर-राजगढ़ क्षेत्र के इलाके में देर रात्रि तक स्वांग की झलक पाने के लिये माँ के भक्त करते इंतजार.....
स्टोरी : नवरात्रि में माताजी के स्वांग के लिये जगराता कहे तो अतिश्योक्ति नही होगी। अक्सर ऐसे नज़ारे नवरात्रि पर्व में मिलते रहते है जो देखने मे अदभुत तो होती है लेकिन कुछ आश्चर्य चकित करते है।
हम बात कर रहे है जहां पर प्राचीन समय से नवरात्रि पर्व के दौरान माताजी व भैरूजी का भव्य स्वांग सरदारपुर के अनेक इलाको में देखने को मिलता है। स्वांग में पुरूष भैरूजी व माताजी की वेशभूषा में तैयार होकर ढोल की थाप पर निकलते है भैरूजी के हाथ मे तलवार तो माताजी के एक हाथ मे तलवार तो दूसरे हाथ मे प्रज्वलित खप्पर लिए ढोल की थाप पर यह निकलते है।
राजगढ़ में छठ से आंरभ हुए नवमी तक से रात्रि में माताजी व भैरूजी का स्वांग की झलक के दर्शन के लिए गरबा पंडाल हो या जहाँ से यह स्वांग गुजरता है घरों से बाहर आकर श्रद्धालु देखने को मिलते है। राजगढ़ में अलग-अलग स्थानो से स्वांग देखने को मिले जो रात्रि के 3 बजे बाद तक सभी माताजी के मंदिरों से गुजरकर अपने पुनः स्थान की ओर लौट जाते है।
छठ-सप्तमी-अष्ठमी-नवमी के दिन विशेषकर यह माताजी का स्वांग देखने को मिलते हैं।