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स्व.राजा प्रेमसिंह जी दत्तिगांव की 21 पुण्यस्मरण पर हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मलेन,बेटी और संस्कारों पर आधारित रहा कवि सम्मलेन रात्रि 3 बजे तक चला

 


  राजगढ़ (धार)। स्व.राजा प्रेमसिंह जी दत्तिगांव की 21 पुण्यस्मरण पर हुआ अखिल भारतीय कवि सम्मलेन आयोजन किया गया। इस आयोजन में कैबिनट मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तिगांव,हर्षवर्धन सिंह दत्तीगांव,राजमाता कुसुम देवी व धार जिला पत्रकार संघ अध्यक्ष छोटू शास्त्री ने शिकरत की। माँ सरस्वती देवी और स्व.प्रेमसिंह दत्तिगांव के चित्र पर अतिथियों व सदस्यों ने माल्यापर्ण किया।  दत्तिगांव ग्रुप के अशोक भण्डारी,आजाद भण्डारी,संदीप खजांची,राजेश देवड़ा,रमेश रामजी,सोनु भण्डारी,भोजराज कमेडिया,सुभाष फरवदा,पंकज बारोड़ व भोला मोलवा ने सभी अतिथियों व कवियों का स्वागत वंदन किया।

  दत्तिगांव ग्रुप के तत्वावधान में आयोजित इस कवि सम्मेलन में हास्य, वीर,श्रंगार और व्यंग्य के कवियों ने अपने रस के अनुसार ही काव्य पाठ कर श्रोताओं को भोर तक बांधे रखा। कवियों के व्यंग्यात्मक शब्द बाणों पर खूब तालियां बजी।

  कवि सम्मेलन की शुरुआत सोनी मिश्रा ने सरस्वती वंदना से की । विजय विद्रोही ने कहा बनकर हिमादास कई रिकॉर्ड तोड़ रही बेटिया,मेरीकॉम बन बेटों को पीछे छोड़ रही बेटियां,वो दौर और था जब नारियल नही फोड़ती थी,आज सरहद पर दुश्मन को फोड़ रही बेटियां की पक्तियां सुनाई।

  पुलवामा हमले पर शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि देते हुए अग्निधर्मा कवि मुकेश मोलवा ने ‘कटोरे में देखा तो मां की आंखें पथराई हैं, दो महीने की बेटी पिता के दर्शन करने आई है’ पंक्तियां पढ़ी तो पूरा परिसर तालियों से गूंज उठा और भारत माता की जय के साथ शहीदों को सम्मान दिया। मोलवा ने साड़ी का कहा था रे पगले ! तिरंगा लेके आ गया.. जैसी मर्मस्पर्शी पंक्ति पर देर तक तालियां बजी।

  मुम्बई से आए कांकरोली के सुनील व्यास ने सहज अंदाज में कविता में बचपन के किस्से पिरो कर कवि सम्मेलन में समा बांध दिया।

  हास्य कवि दिनेश देसी घी ने ‘बात रही नही संस्कारों की,न आदर्श भरे नारों की,हम ही पेड़ बंबूल के बो रहे,फिर खता क्या बहारों की..‘ सुनाकर संस्कारों पर जोरदार कटाक्ष किया।

  वही सोनी मिश्रा ने प्रेम रस से भरपूर काव्य पाठ किया,हो सके तो परदेशी....लौट कर घर आना....वास्ता है मेरा तुमको भूल नही जाना पर श्रोताओं का मनमोह लिया।

 श्रद्धा शौर्य ने राम-राम बस नाम नही सारे संसार का सार राम है....अवध की धुली का कण-कण कहता है राम-राम राम आजमाइए।

  मंत्री राजवर्धन सिंह दत्तिगाँव ने संबोधित किया उन्होंने लोहा देखा,लोहे की तरह तपते देखा कि पक्तियां सुनाई। बेटीयो को कमजोर मत बनाओ,मेरे पिता से भी बेटियों के लिये आत्मरक्षा सीखी। अपने आप लोग यह जिंदा करे अपने देश की बेटी मजबूत करे कि आपकी माँ,बेटी,बहन सब पुत्री के समान हो यह उक्त बात राजमाता कुसुम देवी ने कही।

  कवि सम्मलेन में आयोजन का सन्चालन प्रवीण शर्मा व कवि सम्मलेन का संचालन राष्ट्रीय कवि मुकेश मोलवा ने किया। आभार आजाद भंडारी ने माना।

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