BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

जैन धर्म संस्कार शिविर का आयोजन होना जैन समाज के लिए अनिवार्य है- युवा संत पूज्य श्री गिरीश मुनिजी म.सा



 राजगढ़ (धार)। वर्तमान समय मे जैन समाज के लोगो मे जैन धर्म संस्कार के बीजारोपण हेतु जैन धर्म संस्कार शिविर के आयोजन होना अनिवार्य हो गया है, वर्तमान की युवा पिढी निरंतर धर्म आराधना ओर धर्म संस्कार से विमुख होती जा रही है, यदि जैन धर्म को बचाना है तो युवा वर्ग को जगाना ओर जैन धर्म से जोड़ना अनिवार्य है, युवा पिढी तो धर्म संस्कार से विमुख है ही किन्तु जैन धर्म को मनाने वाले अनेक वरिष्ठ श्रावक भी वर्तमान समय की चकाचौंध से धर्म से दुर होते जा रहे है,एक ओर जहाँ सम्पूर्ण विश्व मे जैन धर्म का डंका बज राह है, सम्पूर्ण विश्व जैन धर्म की राह पर चलने के लिए अग्रसर हो राह है, जैन फ़ुड हर जगह विध्यमान है, ऎसे मे जैन समाज का अपने धर्म के प्रति पुर्ण समर्पण ना होना सोचनिय विषय है, उक्त प्रेरणादायी वचन रविवार को प्रातः स्थानक भवन पर 1घंटे के लिए आयोजित जैन धर्म संस्कार शिविर मे शिविर प्रेरक युवा संत पूज्य श्री गिरीश मुनिजी म.सा ने व्यक्त किये, शिविर मे भाग लेने वाले सभी व्यक्ति को युवा संत श्री के द्वारा अरिहंत ओर सिद्ध परमात्मा के प्रति पुर्ण रुप से श्रद्धा ओर विश्वास रखने की प्रेरणा प्रदान की गई, युवा संत श्री के द्वारा आगे कहा गया की बच्चों मे धर्म संस्कार के बीजारोपण का प्रथम दायित्व माता-पिता का है यदि माता पिता बचपन से ही अपनी संतान मे जैन धर्म संस्कार का बीजारोपण करेगे तो आने वाली पीढ़ी पुर्ण रुप से धर्म के प्रति समर्पित रहेगी, शिविर मे पूज्य युवा संत श्री के द्वारा अनेक प्रकार के पाप कार्य जैसे गलत आचरण करनेवाला व्यकति के साथ नही रहना, बाहर जा कर पढाई करने वाले धर्म आराधना भी पढाई के साथ करे एवं गलत मार्ग पर नही भटकने की प्रेरणा, कुव्यसनो से होने वाली हानी एवं उनसे होने वाले पाप बंध आदि अनेक पाप कार्य के बारे मे विस्तृत रुप से समझाया गया, शिविर मे पूज्य अभय मुनिजी म.सा ने भी सानिध्य प्रदान किया, शिविर मे भाग लेने वाले सभी व्यक्ति को अनील जी नखैत्रा के द्वारा प्रभावना का वितरण किया गया, शिविर की समाप्ति के पशचात प्रवचन सभा का आयोजन हुआ, धर्मसभा को तपस्वीराज पूज्य श्री दिलीप मुनिजी म.सा के द्वारा संबोधित करते हुए कहा की अंनत पुण्यवानी के उदय से आपको ये मनुष्य जीवन प्राप्त हुआ है ओर मनुष्य भव मे भी जैन कुल ओर जैन धर्म का अत्यन्त दुर्लभ संयोग आप सभी को प्राप्त हुआ है, जीस धर्म और कुल मे जन्म लेने के लिए देवलोक के देव-देवी सदैव लालायित रहते है वो आप को सहज मे प्राप्त हो गया है, पुण्यवानी के उदय से प्राप्त हुए ईस मानव भव को धर्म आराधना एवं तप त्याग आदि करते हुए सफ़ल बनावे।

गुरु सौभाग्य प्रकाश भक्त मंडल के प्रांतीय सदस्य हेमंत वागरेचा ने बताया की तपस्वीराज पूज्य श्री दिलीप मुनिजी म.सा की प्रेरणा से प्रभावित होकर मोहनखेड़ा तीर्थ ट्रस्ट मंडल के ट्रस्टी माँगीलाल पावेचा के द्वारा अपने जन्मदिन पर आजीवन के लिए तम्बाकू, बीड़ी,सिगरेट, पाउच एवं तम्बाकू से बनने वाले सभी प्रकार के उत्पाद का सेवन नही करने के प्रत्याख्यान पूज्य तपस्वीराज के श्री मुख से श्री संघ की उपस्थिति मे लिये गये, पुर्व मे भी पूज्य तपस्वीराज की प्रेरणा से प्रभावित होकर भापजा के वरिष्ठ नेता ज्ञानेन्द्र मूण्त के द्वारा भी आजीवन के लिए कुव्यसन त्याग के प्रत्याख्यान लिये गये थे,श्री संघ के द्वारा दुर्व्यसन के त्याग प्रत्याख्यान लेने के लिए श्री मूण्त एवं पावेचा जी की अनुमोद्ना की गई, धर्मसभा की समाप्ति पर माँगीलाल जी पावेचा परिवार के द्वारा प्रभावना का वितरण किया गया। जानकारी मनीष खाबिया के द्वारा दी गई।

« PREV
NEXT »