राजगढ़(धार)। पंच दिवसीय प्राण
प्रतिष्ठा महोत्सव श्री मारुती महायज्ञ का श्री सिद्धेश्वर हनुमान एवं बटुक भैरव
देव मंदिर कृषि उपज मंडी प्रांगण राजगढ़ मे कल 17 फरवरी गुरुवार से 21 फरवरी सोमवार आयोजन
आयोजित होगा। संपूर्ण आयोजन पांच धाम एक मुकाम माताजी मंदिर के ज्योतिषाचार्य श्री
पुरुषोत्तम भारद्वाज के मार्गदर्शन में होगा।
जिसमें आयोजक श्री सिद्धेश्वर हनुमान एवं बटुक भैरव देव मंदिर
समिति राजगढ़ और निवेदक अनाज दलहन तिलहन व्यापारी संघ राजगढ़ सरदारपुर तहसील
तैयारियों में जुटे हैं।
कल प्रथम दिवस 17
फरवरी गुरुवार को प्राश्चित कर्म, मंडप पूजन, गौ माता पूजन एवं
प्रवेश ,गणेश पूजन,देव स्थापना पूजन व जल कलश यात्रा प्रातः 10:30 बजे से आयोजन होगा।
इसके लाभार्थी श्रीमती भगवंता बाई स्व. मदन लाल जी राठौर है। यज्ञशाला पर तोरण
बांधने का लाभ जयप्रकाश अशोक कुमार बाफना, यज्ञशाला पर महा ध्वज के लाभार्थी
भेरुलाल राणा जाट बोदला, यज्ञशाला में ज्वारा रोपण के लाभार्थी श्रीमती लक्ष्मीबाई स्वर्गी
श्री गोविंद राठौड़ फुलगावड़ी,
यज्ञशाला में अखंड ज्योत के लाभार्थी
सब्जी मंडी एसोसिएशन राजगढ़,
प्रथम कुंड के लाभार्थी दिनेश कुमार
स्वर्गीय मदनलाल राठौर, द्वितीय कुंड के लाभार्थी सुरेश कुंज बिहारी जाट, तृतीय खंड के
लाभार्थी दिलीप कुमार राजमल भंडारी, चतुर्थ कुंड के लाभार्थी रूप सिंह, मनोहर सिंह, तिलक सिंह रूद्र
प्रताप सिंह बारोड़ परिवार, पंचम कुंड के लाभार्थी जगदीश मोहनलाल जोशी,वृक्षारोपण के लाभ
आरती मुकेश कुमार राधेश्याम पटेल बड़वेली, श्री सिद्धेश्वर हनुमान एवं बटुक भैरव
देव के द्वारा उद्घाटन एवं प्रथम दर्शन के लाभार्थी संजय अजीत मेहता झकनावदा वाला, श्री सिद्धेश्वर
हनुमान जी एवं बटुक भैरव देव के प्रथम चरण घर के लाभार्थी श्रीमती अन्नपूर्णा देवी
छगनलाल पवार राजगढ़,श्री सिद्धेश्वर हनुमान एवं बटुक भैरवदेव के छप्पन भोग के लाभार्थी
सुभाषचंद माणकचंद कांकरिया लाबरिया वाले, श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी एवं बटुक
भैरव देव के प्रथम चंवर ढुलाने के लाभार्थी अशोक राजमल भंडारी एवं समस्त भंडारी
परिवार और प्रथम स्वस्तिक एवं द्वार गणेश लाभार्थी दिलीप कुमार मोतीलाल वागरेचा
परिवार ने लिया।।
द्वितीय दिवस 18
फरवरी शुक्रवार को दैनिक पूजनज़अग्नि
स्थापनम,जलप्रतिमाधिवास,श्री श्याम भैरव हनुमान मित्र मंडल,अनाज मंडी राजगढ़ द्वारा सांय 7:30 बजे से कृषि उपज मंडी प्रांगण में श्री खाटू श्याम भजन संध्या जिसमे
भजन गायिका सुरभि चतुर्वेदी (जयपुर) अपनी प्रस्तुति देगी।
तृतीय दिवस 19 फरवरी शनिवार को दैनिक पूजनज़अग्नि स्थापनम,जलप्रतिमाधिवास होगा व रात्रि में प्रकाश गोयल एवं कृष्ण कांत सोलंकी द्वारा कृषि उपज मंडी प्रांगण में श्री संगीतमय सुंदरकांड एवं भजन संध्या का आयोजन होगा।
होगा नगर भ्रमण एवं शोभायात्रा,होली
चतुर्थ दिवस 20 फरवरी रविवार को दैनिक पूजन,अग्नि स्थापनम,जलप्रतिमाधिवास होगा व श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी एवं श्री बटुक भैरव देव का भव्य नगर भ्रमण एवं शोभायात्रा निकाली जावेगी। आयशर एसोसिएशन ग्रुप,अनाज मंडी ,कुमावत परिवार लाबरिया-बरखेड़ा वाले, संदीप गोकुल बाकरेचा, जगदीश कैलाश नागोरा, राहुल नाथू दाँतलेचा,जितेंद्र बगदीराम बड़वाल,मयंक गोकुल बाकरेचा, ओर दिलीप शंकर चांदोरा कि ओर से श्री सिद्धेश्वर हनुमान जी एवं श्री बटुक भैरव देव की बांदौली (भगवान की होली) सांय 7 बजे कृषि उपज मंडी राजगढ़ से नगर में निकलेगी।
पंचम दिवस दिनांक 21 फरवरी सोमवार को
दैनिक पूजन, स्वाहाकार, स्वस्थानेषुदेवता स्थिरीकरणम्, शुभ मुहुर्ते प्राणप्रतिष्ठा, महापूजन, पूर्णाहुति एवं
महाप्रसादी, विप्रदेवपूजनम् श्री सिद्धेश्वर हनुमानजी की प्राणप्रतिष्ठा
स्थापना (प्रातःकाल) जिसके लाभार्थी श्री राज ऋषभ ग्रुप है। साथ ही नगर चौरासी का
आयोजन अनाज दलहन तिलहन व्यापारी संघ राजगढ़ सरदारपुर द्वारा प्रातः 10:30 बजे कृषि उपज मंडी
प्रांगण पर होगा। इस बार राजगढ़ नगर में 25 वी नगर चौरासी है।
विविधता में एकता का परिचायक है 'परंपरा- नगर चौरासी'
भारत में विभिन्न संस्कृति, जातियां, भाषा और धर्म का देश है यही हमारी विशेषता है। जहां आस्था, धर्म ओर विश्वास के साथ परंपरा नगर चौरासी का संबंध विविधता में एकता का परिचायक है जो भाईचारे और आपसी मेल मिलाप को दिखाता है। नगर चौरासी में विविधता में एकता को अपनी सोच के साथ भारत के भविष्य के लिए भाईचारे ओर समरसता की भावना को बढ़ावा देता है।
भारत में आमतौर पर लोगों द्वारा भंडारा, फले चुंदड़ी जैसे आयोजन देखने को मिलते है, लेकिन वह एक वर्ग, एक संस्था का होकर रह जाता है पर नगर चौरासी हर वर्ग के लिए एक आयोजन होता है जो मध्यप्रदेश के धार जिले के राजगढ़ में किसी प्राण प्रतिष्ठा या किसी प्रसंग पर नगर चौरासी का आयोजन किया जाता है। जहां सभी धर्मों और जातियों के लोग एकसाथ भोजन करते हैं, कोई बड़ा न छोटा बिना भेदभाव के यह कार्य होता है।
यहां बिना किसी भेदभाव के विविधता में
एकता का खास नजारा देखने को मिलता है, जहां सनातन धर्म, जैन धर्म, ईसाई, इस्लाम आदि अनेक
धर्मो के लोग रहते हैं। वास्तव में इस मातृभूमि पर हमने संस्कृति को एक नई
उंचाइयों पर जिया है। इसी बात को लेकर राजगढ़ नगर चौरासी के माध्यम से भारतीय
संस्कृति को जनमानस में प्रसन्नता के साथ संदेश देती है कि हम सब एक है। इसके साथ
स्वयं यह सिद्ध करती है कि 'राजगढ़' की नगर चौरासी समाज में आनंद की अनुभूति उत्पन्न कराती हैं।