राजगढ़(धार)। ये आत्मा अंनत भव से जन्म मरण का फ़ेरा लगा रही है, अनेको बार आत्मा ने कितने ही शरीर धारण किये, अनेक योनी मे जन्म लेकर पशु पक्षी निगोद के जीव बने, जब असीम पुण्यवानी का उदय हुआ तो ये मनुष्य जन्म मिला अब पुनः ये आत्मा कब मानव शरीर को प्राप्त करेगी ये तय नही है,ओर हमे ईस मनुष्य भव मे परमात्मा महावीर स्वामी का शासन मिला,जीनवाणी मिली,श्रेष्ठ गुरु ओर धर्म प्राप्त हुआ,स्वस्थ शरीर मिला ईन सब दुर्लभ संयोग के मिलने के बाद भी आज का मानव उसका सद् उपयोग करने की बजाय दुर उपयोग कर राह है, हमारे पास मोबाइल चलाने के लिए तो समय ही समय है,मोबाइल के उपयोग ने मनुष्य का जीवन नकारात्मक बना दिया है, मोबाइल से आज अनेको बीमारी हो रही है ये समाचार हमे प्रतिदिन प्राप्त हो रहे है उसके बाद भी हम मोबाइल का उपयोग कर रहे है,आज का व्यक्ति रिशतो से ज्यादा मोबाइल को महत्व दे रहा है, आज लोग कोई भी कार्य करने के बाद सबसे पहले मोबाइल पर फ़ोटो अपलोड करते है,अनेको बार आप लोग ऎसे फ़ोटो भी मोबाइल पर अपलोड करते है है जो उचित नही है, पुण्यवानी से मिले मानव भव का उपयोग धर्म आराधना एवं सद् कार्य मे करेगे तो आपका जीवन सार्थक होगा, ईस भव मे मोक्ष प्राप्ति का मार्ग केवल ओर केवल संयम ही है, जिसे अंगीकार कर आप भव भ्रमण से मुक्त हो सकते है, हमारे महापुरुषो ने अनेको शास्त्र की रचना की है,जिसका पाढ़न हमे प्रतिदिन अनिवार्य रुप से करना चाहिए।
उक्त प्रेरणादायी विचार गुरूवार को स्थानक भवन पर आयोजित धर्मसभा मे पुज्या महासती श्री संयमप्रभा जी म.सा ने व्यकत किये, महासती जी ने धर्मसभा मे अनेको श्रावक श्राविका को मोबाइल का दुर उपयोग नही करने एवं अनेको पाप कार्य नही करने के प्रत्याख्यान करवाये।
धर्मसभा को महासती श्री सुगया श्री जी म.सा ने संबोधित करते हुए फ़रमाया की गुरु कृपा से हमे ईतने शास्त्र मिले है जिनको पढने से मनुष्य गलत मार्ग पर चलने से बच सकता है,श्रेष्ठ आदर्श बन सकता है,समाज को सही दिशा प्रदान कर सकता है।
समाज के सरक्षक भेरुलाल वागरेचा ने बताया की महासती मंडल ने श्री संघ को 4दिन का लाभ प्रदान करते हुए गुरुवार को दोपहर मे पेटलावद की ओर विहार किया, महासती मंडल भानगढ झकनावद होते हुए पेटलावद पहुंचेगे।
जानकारी गुरु सौभाग्य प्रकाश भक्त मंडल के प्रांतीय सदस्य हेमंत वागरेचा ने दी।