शहर के युवा लेखक अंशुमन भगत ने एक बार फिर देश में चल रही बड़ी घटना पर टिप्पणी देते हुए कहा कि – "मंत्रियों, विधायकों या अन्य नेताओं की बात करें तो, उनकी सुरक्षा में ज़रा भी असुविधा होती है तो हर तरफ हंगामा या बवाल होना शुरू हो जाता है। किंतु यहां देश के सर्वोच्च स्तर के ओहदे पर बैठने वाले प्रधानमंत्री की सुरक्षा की बात की जा रही है, न केवल नरेंद्र मोदी । यह भारत के प्रधानमंत्री की बात है!
भारत के प्रधान मंत्री जी की सुरक्षा पर आयी आँच की कड़ी जाँच होना अति आवश्यक है। इस षड्यंत्र के तह तक जा कर पता लगाया जाना चाहिए कि आख़िर इसके पीछे किस पार्टी या राजनेताओं का हाथ है। इसके अलावा तकनीकी चीजों की पुष्टि करने की भी आवश्यकता है ताकि आने वाले दिनों में ऐसी घटनाओं से देश को शर्मसार होने से बचाया जा सके। क्यों कि बात किसी नेता की नहीं बल्कि देश के प्रधानमंत्री की है । जब 8 दिसंबर को Mi - 17V5 हेलीकॉप्टर के क्रैश हो जाने से CDS बिपिन रावत और उनकी पत्नी समेत कई लोग की मृत्यु हो जाती है, तो अब इससे बड़ी दुखद घटना और क्या हो सकती है? और अब पंजाब में भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा पर जिस प्रकार आँच आया इससे साफ़ दिखाई पड़ता है कि राजनीतिक पार्टी अपनी सत्ता को पाने और बरकरार रखने के लिए इतना नीचे गिर सकता है कि उसे अपने देश के परवाह की भी नहीं पड़ी होती।
आज एक तरफ़ स्वच्छ भारत, सुरक्षित भारत का मुहिम चलाया जा रहा है, और वहीं दूसरी तरफ़ ऐसी घटना को अंजाम दिया जा रहा है, जिससे भारत की सुरक्षा नीति भंग होती नजर आ रही है।