BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

मुमुक्षु महेशकुमार मुनि गिर्वाणयशविजयजी म.सा. बने,श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर दीक्षा महोत्सव पर उमड़ा जन सैलाब....

 


 

  राजगढ़ (धार)। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में मुमुक्षु श्री महेशकुमार का त्रिदिवसीय दीक्षा महोत्सव के मुख्य दिवस पर आज बुधवार को प्रातः 8ः30 बजे से दीक्षा महोत्सव में पहुचने के लिये विभिन्न श्रीसंघों का आगमन श्री मोहनखेड़ा तीर्थ स्थित गुरुकुल परिसर में एकत्रित हुआ । यहां से विशाल चल समारोह के साथ वर्षीदान का वरघोड़ा प्रारम्भ हुआ । वर्षीदान वरघोड़े में दीक्षार्थी ने नृत्य करते हुए अपने दोनों हाथों से खूब रुपये व वस्त्र एवं अन्य सामग्री आदि वर्षीदान किया । वर्षीदान का लाभ श्री शेलेषकुमार घेवरचंदजी चोपड़ा भीनमाल वालों ने लिया । उक्त चल समारोह गाजे बाजे के साथ दीक्षा स्थल पर पहुंचा । यहां दीक्षा विधि प्रारम्भ हुई ।







  दीक्षा विधि के प्रारम्भ में भीनमाल निवासी मातुश्री सुखीबेन पुत्र- मुकेश भाई जेमतराजजी परिवार ने मुमुक्षु महेशकुमार को विजय तिलक किया । तत्पश्चात् श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट की और से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी मेघराज जैन, ट्रस्टी संजय सराफ व राजगढ़ श्रीसंघ अध्यक्ष मणीलाल खजांची, सेवन्तीलाल मोदी, राजेन्द्र खजांची, अनिल खजांची, नरेन्द्र भण्डारी, पारस गादिया व झाबुआ श्रीसंघ से यशवन्त भण्डारी, धर्मचंद मेहता, अशोक राठोर, संतोष रुणवाल, सुरेश कांठी आदि ने तिलक लगाकर मुमुक्षु को संयम मार्ग की ओर अग्रसर किया । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट की ओर से उपस्थित ट्रस्टीगणों ने दीक्षा महोत्सव में लाभ लेने वाले सभी लाभार्थीयों, मुमुक्षु के परिजनों व पधारे हुए आगन्तुक अतिथियों का तिलक, माला, श्रीफल से बहुमान किया । बहुमान के पश्चात् मुमुक्षु महेशकुमार को मुनि श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा. ने मालवकेसरी मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा. के आदेश के बाद रजोहरण प्रदान किया गया । रजोहरण प्राप्त करते ही मुमुक्षु महेशकुमार ने खुब नृत्य किया और उन्हें वेश परिवर्तन हेतु अन्यत्र स्थान पर ले जाया गया । वेश परिवर्तन के पश्चात् मुनि रुप में पुनः दीक्षा स्थल पर लाया गया । दीक्षा महोत्सव में आये समाजजनों ने मुनि के दैनिक जीवन के उपयोग में आने वाले संयम उपकरण नखरे के आधार पर मुनि श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा. को वोहराये । दीक्षा स्थल पर दीक्षा की विधि मुनिराज श्री हितेशचन्द्रविजयजी म.सा. की आज्ञा से प्रारम्भ हुई और नूतन मुनि को मुनि गिर्वाणयशविजयजी म.सा. का नया नाम प्रदान किया गया । दीक्षा की विधि विधान विधिकारक हसमुख भाई शाह ने सम्पन्न करवायी ।

 दादा गुरुदेव की पाट परम्परा में गच्छाधिपति वचनसिद्ध आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. दिव्य आशीष से अष्टम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती एवं राष्ट्रसंत शिरोमणि षष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हेमेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री वैराग्ययशविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री तत्वलोचनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री तत्वदर्शनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में दीक्षा महोत्सव सम्पन्न हुआ । इस अवसर पर झाबुआ, राजगढ़़, रतलाम, बदनावर, बड़नगर, भीनमाल, छोटा उदयपुर, मनावर, सहित 25 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थिति रही । कार्यक्रम की पूर्णाहुति के पश्चात् दोप. स्वामीवात्सल्य का लाभ श्रीमती पप्पीबाई चुन्नीलालजी वाणीगोता परिवार भीनमाल द्वारा लिया गया ।

« PREV
NEXT »