BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

ज्ञान के कारण ज्ञानी पूजित है: मुनि पीयूषचन्द्रविजय

 

 राजगढ़ (धार) । आज जन्माष्टमी का पर्व भी है । हमारी आने वाली अगली चौविसी के भावी तीर्थंकर कृष्ण महाराजा का जन्मोत्सव है । जब जब धरती पर धर्म की हानि होगी पापाचार बढेगा तब तब महापुरुर्षो का जन्म होता है । यह बात गीता के सार में कृष्ण महाराजा ने अर्जुन से कही थी । जब भी ऐसे विरले महापुरुषों का जन्म होता है तब तब धरती पर अलग अलग बहुत कुछ कार्य हो जाते है । महापुरुष के दर्शन मात्र से सबकुछ प्राप्त हो जाता है । जहा नाम है वहा नाश निश्चित है । रुप से भव की भ्रमणा बढ़ जाती है क्योंकि रुप व्यक्ति को आकर्षित करता है । नाम पहचान का मात्र माध्यम है । हमारे कार्य उत्कृष्ट होना चाहिये । अपने आस पास रहने वाले के साथ मैत्री भाव हमेशा रखें । ज्ञान के कारण ज्ञानी पूजित है । कृष्ण महाराजा महाज्ञानी थे । उक्त बात गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने राजेन्द्र भवन में कही । आपने बतलाया कि जिनके नाम से ही सारे कार्य स्वतः हो जाया करते है । आज हम ऐसी विलक्षण प्रतिभा के धनी दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की त्रिदिवसीय गुरुपद आराधना जप और तप के साथ कर रहे है । दादा गुरुदेव का जन्म पौष सुदी सप्तमी, संवत 1883 में भरतपुर राजस्थान में श्रेष्ठीवर्य पिता श्री ऋषभदासजी एवं केसरदेवी माता की कुक्षी से हुआ । संवत 1170 में चंदेरी और आहेर नगर से पारख गौत्र की पासूजी के समयकाल में उत्पत्ति हुई थी । वि.सं. 1903 वैशाख सुदी पंचमी को मुनिराज श्री हेमविजयजी म.सा. के हाथों रजोहरण स्वीकार श्रमण जीवन यात्रा प्रारम्भ की । वि.सं. 1963 पौष सुदी छठ को राजगढ़ नगर में ध्यान में निमग्न बनकर नश्वर देह का त्याग कर परम पथ की यात्रा हेतु प्रयाण किया । पौष सुदी सप्तमी को आपकी देह हजारों गुरुभक्तों की उपस्थिति में श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में पंचतत्व में विलीन हुई । प्रवचन माला में मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा. भी उपस्थित रहे । 

आज सोमवार को त्रिदिवसीय आराधना के प्रथम दिन दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की आराधना एकासने के लाभार्थी श्री कमलेशकुमार अनोखीलालजी चत्तर परिवार राजगढ़ का बहुमान राजगढ़ श्रीसंघ की और से पुखराजजी मेहता परिवार द्वारा किया गया ।

« PREV
NEXT »