राजगढ़ (धार) म.प्र. । मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. ने चातुर्मास 2021 के प्रवेश के अवसर पर समाजजनों को कहा कि दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. सम्पूर्ण जैन जगत के लिये कोहिनूर हीरे के समान थे और अचानक यह हीरा हमारे हाथ से फिसल कर निकल चूका है उनकी कमी ट्रस्ट मण्डल को, साधु-साध्वी मण्डल को, समाजजनों को अब महसुस हो रही है । श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में अब भक्तों को सुना सुना लगता है । क्योंकि आचार्यश्री अपने भक्तों को अलग अलग समय पर बुलवाकर बात करते थे और वह बात अब नहीं देखने में आती है । गुरुदेव मात्र तीसरी क्लास पढ़े हुऐ थे पर उनको डॉक्टर, इंजीनियर, वास्तु, ज्योतिष विभिन्न क्षेत्रों में अपार ज्ञान मॉ सरस्वती की कृपा से प्राप्त हुआ था । मंदिर निर्माण में वे अपार दखल रखते थे, और हर बारिकी का ज्ञान उनको था । आचार्यश्री अपने भक्तों की समस्याओं का त्वरित निराकरण करते थे । मुनिश्री ने ट्रस्ट मण्डल के उपाध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी एवं ट्रस्टी श्री बाबुलाल डोडियागांधी, श्री भेरुलाल गादिया, श्री जयंतिलाल कंकुचौपड़ा, श्री पुष्पराज बोहरा को मनोनयन पर बधाई दी । इस अवसर पर मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि व्यक्ति धर्म आराधना करके ही अपनी आत्मा का कल्याण कर सकता है । चातुर्मास का यह अवसर आत्मा के कल्याण एवं धर्म आराधना के लिये सर्व श्रेष्ठ है और इस अवसर का लाभ हर मानव को लेना चाहिये । प्रवचन पाण्डाल का नामकरण श्री राजेन्द्र ऋषभ प्रवचन मण्डप किया गया ।
श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में रविवार को गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती व शिष्यरत्न मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री वैरागयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं साध्वी श्री सद्गुणाश्री जी, साध्वी श्री संघवणश्री जी, साध्वी श्री विमलयशाश्री जी म.सा. आदि ठाणा का चातुर्मास हेतु चतुर्विघ संघ के साथ मंगलमय इन्टरनेशनल स्कूल प्रांगण से चल समारोह के साथ प्रवेश हुआ । तीर्थ के मुख्य द्वारा पर श्री मोहनखेड़ा ट्रस्ट मण्डल की और से समस्त पदाधिकारी ट्रस्टीगणों ने मुनिभगवन्तों साध्वीवृंदों की आगवानी की । ट्रस्ट की और से श्रीमती मंजु पावेचा एवं श्रीमती अरुणा सेठ ने गहुंली कर कलश सामैया किया । इस अवसर पर मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा., मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. भी उपस्थित थे ।
अखिल भारतीय त्रिस्तुतिक जैन संघ की वेबसाईट का हुआ लांचिंग....
ट्रस्ट के वरिष्ठ उपाध्यक्ष पृथ्वीराज सेठ, उपाध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी, महामंत्री फतेहलाल कोठारी मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ व अ.भा. त्रिस्तुतिक जैन संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष चम्पालाल वर्धन व पदाधिकारीयों ने अ.भा. त्रिस्तुतिक जैन संघ की वेबसाईट का लांचिंग किया । इस वेबसाईट में त्रिस्तुतिक परम्परा के सम्पूर्ण जानकारी उपलब्ध है ।
पुष्य नक्षत्र पर तीर्थ परिसर में आयंबिल भवन हेतु भूमि पूजन हुआ
गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा व ट्रस्ट मण्डल के निर्णयानुसार मुनिराज श्री पीयूषचन्द्रविजयजी म.सा. की निश्रा में श्रीमती दीवाली बेन बाबुलालजी मिश्रीमलजी वर्धन परिवार द्वारा विगत 10 वर्षो से प्रतीक्षारत आयंबिल खाता भवन के नवीन निर्माण हेतु भूमि पूजन किया गया ।
इस अवसर पर वरिष्ठ उपाध्यक्ष पृथ्वीराज सेठ, उपाध्यक्ष पृथ्वीराज कोठारी, महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, कोषाध्यक्ष हुक्मीचंद वागरेचा, ट्रस्टी- बाबुलाल मेहता, शांतिलाल साकरिया, कमलचंद लुणिया, मांगीलाल पावेचा, चम्पालाल वर्धन, जयंतीलाल बाफना, बाबुलाल खिमेसरा, शांतिलाल दैयपवाला, मेघराज जैन, बाबुलाल वर्धन, संजय सराफ, मांगीलाल रामाणी, साकलचंद तांतेड़, आनन्दीलाल अम्बोर, कमलेश पांचसौवोरा, बाबुलाल डोडियागांधी, भेरुलाल गादिया, पुष्पराज बोहरा, जयंतीलाल कंकुचोपड़ा, तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन आदि ने मुनिभगवन्तों एवं साध्वीवृन्दों को चातुर्मास प्रवेश पर कामली ओढ़ाई । इस अवसर पर राजगढ़ श्रीसंघ अध्यक्ष मणीलाल खजांची, कांतिलाल सराफ, राजेन्द्र खजांची, संतोष चत्तर, विनेश जैन, गिरीश गांधी, विमल वेदमुथा, राजमल वाणीगोता, दूधराज लुक्कड़, रमेश हरण, रमेश वाणीगोता, संतोष नाकोड़ा, शेलेष अम्बोर, शौकिन जैन, रिम्पल शाह, मनोहर मोदी, अशोक राठौर, चन्द्रशेखर मांदरेचा, संजय कोठारी, माणक चपड़ोद, सुभाष कोठारी, संजय नाहर, पारस बालगोता, गिरीश वेदमुथा, राकेश बोहराना, प्रकाश सेजलमणी, भरत वालचंदजी, सुरेश जैन, प्रकाश छाजेड़, दीपक बाफना धार सहित 25 से अधिक श्रीसंघों की उपस्थिति चातुर्मास प्रवेश पर रही ।