देश में लगभग कई लोग अपने लेखन के माध्यम से अपने विचारो को दूसरे तक रखना चाहते है किंतु उनके कलम को कुछ ऐसी चीजे रोक कर रखती है जिससे उनकी सोच सिर्फ उन तक ही सीमित रह जाती है। क्योंकि एक लेखक का प्रमुख आधार प्रकाशक होता है, जो लेखक के शब्दों को एक किताब का नया रूप देता है। किंतु आज के इस दौर में लगभग सभी प्रकाशक सिर्फ अपने फायदे और आय में वृद्धि के बारे में सोचता हुआ अच्छे विचारो को नजर अंदाज कर रहा है जिसके कारण आज भी बहुत से लेखक आर्थिक रूप से सक्षम न होने के कारण पीछे रह जाते हैं।
ऐसे में कुछ प्रकाशक आज भी मौजूद है जो नए उभरते लेखकों को कम से कम मूल्यों में उनके लेखन को लोगो तक पहुंचने और उसे आगे ले जाने में सहायता करता है ताकि लेखक अपनी सोच को ऊंचाई देने में सक्षम हो सके। वैसे प्रकाशन के साथ जुड़ कर युवा लेखक "अंशुमन भगत" भी नए उभरते लेखकों को काफ़ी हद तक मदद करते है ताकि उन्हें सही प्रकाशन हाउस का चयन करने में कोई समस्या न आए।
"ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाऊस" जिसके संस्थापक और सीईओ मिथलेश कौशिक है जो पेशे से एक उद्यमी, लेखक, विचारक और गायक हैं। जिन्होंने 2019 में इस कंपनी की स्थापना की, जो छत्तीसगढ़ के बिलासपुर शहर में स्थित है।
"ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाऊस" भारत में उभरती हुई पुस्तक प्रकाशकों में से एक हैं, गुड्रेड्स, अमेज़ॅन किंडल, गूगल प्ले बुक्स, कोबो, और इनग्राम जैसे अंतर्राष्ट्रीय प्लेटफार्मों के माध्यम और ऑफलाइन स्टोर्स से वे लेखको को दुनिया भर में पहचान दिलाने में मदद करते हैं "ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाऊस"अंग्रेजी, हिंदी, बंगाली, गुजराती, तमिल, तेलुगु जैसे सभी क्षेत्रीय भाषाओं में पुस्तकों का प्रकाशन करते हैं। "ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाऊस" भारत में एक उभरते हुए स्वयं-प्रकाशन के रूप में खड़ा है क्योंकि इन्होंने पैसों से ज्यादा कला को तवज्जो दिया है इनका मानना है कि कला की कोई कीमत नहीं होती, इनके पास अलग-अलग स्वयं-प्रकाशन कंपनियों के साथ प्रकाशन का 5 साल का अनुभव है,जो कम कीमतों पर बहुत अच्छी सेवा प्रदान करती है, हर लेखक सोचता है कि मेरे लिखे हुए विचारों को लोग पढ़ें, लोग उनके नाम को जाने। यह उन सभी लेखकों के लिए मुमकिन हो सकता है अगर वह "ऑथर्स ट्री पब्लिशिंग हाऊस" के साथ जुड़े।