राजगढ़ (धार) । दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा मुनि एवं साध्वीमण्डल सहित श्री शत्रुंजय महातीर्थ में छःरिपालक यात्रा संघ हेतु 25 जनवरी को श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ से विहार यात्रा प्रारम्भ हुई थी । 12 फरवरी को अयोध्यापुरम तीर्थ से यात्रा संघ का प्रयाण हुआ । 16 फरवरी को यात्रा संघ का श्री पालीताणा महातीर्थ में मंगलमय प्रवेश हुआ । 17 फरवरी को संघ माला के पश्चात से आचार्यश्री आदि ठाणा स्थिरता पालीताणा तीर्थ में रहे । आज सोमवार को आचार्यश्री ने पालीताणा से गिरनार तीर्थ यात्रा हेतु विहार प्रारम्भ किया है । आचार्यश्री का 15-16 मार्च तक गिरनार तीर्थ में पहुंचना सम्भावित है । आचार्यश्री की निश्रा में शत्रुंजय महातीर्थ तलहटी रोड़ स्थित त्रिस्तुतिक जैन समाज की गौरवमय धर्मशाला श्री राजेन्द्र भवन के नवीनीकरण हेतु श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पावन प्रेरणा एवं मार्गदर्शन में गायत्री पंचांग के पण्डित श्री राजु भाई शास्त्री ने साधु साध्वी जी के सानिध्य में भूमि पूजन किया । आचार्यश्री की गिरनार विहार यात्रा में मुनिराज श्री चन्द्रयशविजयजी म.सा., मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा. आदि ठाणा 6 चल रहे है ।
आचार्यश्री की निश्रा में इस वर्ष 15 मई 2021 को अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर वर्षीतप के पारणे का भव्य आयोजन झाबुआ नगर में होगा इसका लाभ झाबुआ निवासी हस्तीमलजी सागरमलजी संघवी परिवार द्वारा लिया गया है ।