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श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में गुरु सप्तमी महामहोत्सव मनाया,कलिकाल में दादा गुरुदेव हाजरा हूजूर है,गुरु के प्रति अपार श्रद्धा बहुत जरुरी है : आचार्य ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी

 


  राजगढ़ (धार) म.प्र.। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. का 194 वां जन्मोत्सव एवं 114 वीं पुण्यतिथि गुरुसप्तमी के रुप में आज श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ (Shri Mohankheda Tirth) में बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनायी जा रही है । गुरु की कृपा जिनके जीवन में होती है उनके सारे काम स्वतः सम्पन्न हो जाते है । यहां ऐसे कई गुरुभक्त आते है जिनको दादा गुरुदेव के प्रत्यक्ष- अप्रत्यक्ष रुप से दर्शन और अनुभूति होती है । दादा गुरुदेव कलिकाल में हाजरा हूजूर है । उक्त उद्गार श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने व्यक्त किये आपने कहा कि हमारे मुम्बई के श्री जयंतिलालजी गुरुभक्त है अपार श्रद्धा के साथ गुरुदेव को याद करते है । पिछले तीन माह से डॉक्टर ने बेड रेस्ट दे दिया दोनों पेर में तकलीफ थी गुरु की ऐसी कृपा हुई किसी अदृश्य शक्ति ने उन्हें हाथ पकड़कर खड़ा कर दिया और आज यहां दर्शन वंदन हेतु सपरिवार आये है । गुरु के प्रति आस्था जरुरी है । गुरु हमारे कवच है जो उनकी भक्ति करता है वो सुखी हो जाता है । गुरु परमेश्वर के वचन बोलते है । श्री मोहनखेड़ा तीर्थ का विकास गुरुदेव को केन्द्र में रखकर किया गया है । लोगों ने मध्यप्रदेश शासन की गाईड लाईन का पालन करते हुये गुरु सप्तमी महामहोत्सव में अपना पूर्ण योगदान दिया । गुरु सप्तमी के मोके पर कई नये गुरु भक्त पूरे समर्पण के साथ तीर्थ से जूड़े है । 15 जनवरी 2027 को दादा गुरुदेव की 200 वां शताब्दी समारोह मनाया जायेगा । उसमें विशाल साहित्य भण्डार बनाने का प्रावधान भी चल रहा है । पूण्य भूमि पर वर्तमान में गौशाला, स्कूल, अस्पताल आदि मानवसेवा जीवदया के प्रकल्प चल रहे है । इसी के साथ निकट समय में एम.बी.बी.एस. कालेज की सौगात भी शीघ्र ही मिलने वाली है । आचार्यश्री के प्रवचन के दौरान भोपावर तीर्थ अध्यक्ष श्री रमणलालजी शाह मोंटेक्स ग्रुप द्वारा जीवदया के क्षेत्र में दान राशि की घोषणा की ।















इस अवसर पर मुनिराज श्री रजतचन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि आज 114 वर्षो बाद भी दादा गुरुदेव को हम उनकी त्याग तपस्या और उनके ज्ञान की वजह से हमेशा याद करते है । विदेशों की संस्कृति में ज्ञान है पर तप नहीं है और तप के कारण ही भारत की भूमि पर ज्ञानी ऋषि और तपस्वी भारत में पूजित है ।

विशेष अतिथि मन्दसौर सांसद एवं भाजपा के राष्ट्रीय सहकोषाध्यक्ष श्री सुधीर गुप्ता ने कहा आज का दिन दिव्यता और भव्यता से भरा हुआ गुरु सप्तमी का अवसर है और यह दिन दादा गुरुदेव और गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के सिर्फ आशीर्वाद ग्रहण करने का ही दिन है । मेरे जीवन में आचार्यश्री का बहुत बड़ा योगदान है । उन्ही की प्रेरणा से समाजसेवा के मार्ग पर अपने कदम बढ़ाये है । आपने यहा उपस्थित श्री मेघराजजी जैन का उल्लेख करते हुये कहा कि वे मेरे प्रेरणा स्त्रोत रहे है । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर ट्रस्ट की और से श्री सुधीर जी गुप्ता सांसद मन्दसौर विशेष अतिथि एवं श्री रमणलालजी शाह मुख्य अतिथि का बहुमान ट्रस्टीगणों द्वारा किया गया । मंच संचालन श्री नरेन्द्र वाणीगोता द्वारा संगीतमय प्रस्तुति के साथ किया गया ।

श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर ट्रस्ट मण्डल के मेला नहीं लगाने के कठोर निर्णय के बाद भी आस्था कोरोना महामारी पर भारी रही । देश भर से कई गुरुभक्त दादा गुरुदेव को अपनी भावांजलि अर्पित करने पूरे समर्पण के साथ तीर्थ पर आये और कोरोना कालीन निर्देशो का पालन करते हुये अपने-अपने क्रम का इंतजार करके दादा गुरुदेव के दर्शन, वंदन, पूजन व भाव पुष्प अर्पित किये । लोगों को चार-चार घण्टे तक अपने क्रम का इंतजार करना पड़ा । प्रातः 5 बजे से वासक्षेप पूजा प्रारम्भ हुई जो सुबह 10 बजे तक चली उसके पश्चात् लाभार्थी परिवारों ने केसर पूजा करके अपने भाव प्रकट किये । 700 से अधिक आराधकों ने आयंबिल के तपस्या कर दादा गुरुदेव को भावांजलि अर्पित की ।

प्रातः 4ः30 बजे श्री आदिनाथ प्रभु जिन मंदिर एवं दादा गुरुदेव के समाधि मंदिर के द्वार उद्घाटन तनकु निवासी श्री कांतिलाल छगनराजजी वजावत परिवार द्वारा किया गया । खाचरौद निवासी श्री सुभाष राजमलजी नागदा परिवार से ऋषभ नागदा ने दादा गुरुदेव को पालने में झुलाकर दादा गुरुदेव का जन्मोत्सव मनाया गया । तत्पश्चात् मूलनायक श्री आदिनाथ प्रभु का अभिषेक, केसर पूजा का लाभ सरेमलजी कपुरचंदजी कोठारी परिवार भीनमाल वालों द्वारा लिया गया । दादा गुरुदेव का अभिषेक और केसर पूजा श्री सरेमलजी कपुरचंदजी कोठारी परिवार द्वारा की गई । गुरुसप्तमी महामहोत्सव में शाम को श्री आदिनाथ प्रभु की मुख्य आरती श्री इन्दरमलजी माणकचंदजी कोठारी परिवार द्वारा उतारी गयी । गुरुसप्तमी महामहोत्सव में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की शाम की मुख्य आरती ऋचा मीरा शाह यू.एस.ए. द्वारा ली गयी लाभार्थी परिवार की और से उज्जैन निवासी श्री संजय बाबुलालजी शाह को आरती उतारी गयी ।

गुरु सप्तमी महामहोत्सव पर ट्रस्ट की और से महामंत्री फतेहलाल कोठारी, मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टीगण- शांतिलाल जैन, कमलचंद लुणिया, मांगीलाल पावेचा, जयंतिलाल बाफना, बाबुलाल खिमेसरा, शांतिलाल दैयपवाला, मेघराज जैन, पृथ्वीराज कोठारी, संजयकुमार सराफ, मांगीलाल रामाणी, सुखराज कबदी, सांकलचंद तांतेड़, आनन्दीलाल अम्बोर, कमलेश पांचसौवोरा, आमंत्रित अतिथि ट्रस्ट बाबुलाल धुम्बडि़या, भेरुलाल गादिया, मंत्रणा समिति के सदस्यगण व तीर्थ के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सह प्रबंधक प्रीतेश जैन एवं विभिन्न तीर्थो के ट्रस्टीगणों की उपस्थ्ति रही । राजगढ़ श्रीसंघ के समाजजनों ने अपनी सेवाओं का भरपुर योगदान दिया ।
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