BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

मानसून से पहले बाढ़ संभावित क्षेत्रों में करें पूरी तैयारी,प्रमुख सचिव राजस्व ने सभी कमिश्नर और कलेक्टर को दिये निर्देश



MP NEWS: प्रदेश में जुलाई से सितम्बर माह में मानसून के दौरान बाढ़ की स्थिति से निपटने के लिये सभी इंतजामों को सुनिश्चित करने के लिये कमिश्नर और कलेक्टर को प्रमुख सचिव राजस्व द्वारा निर्देश जारी किये गये हैं।
राजस्व विभाग द्वारा जारी निर्देश में कहा है कि ऐसे गाँव की संख्या और क्षेत्र जो वर्षाकाल में बाढ़ की दृष्टि से संवेदलशील क्षेत्र है को चिन्हित किया जाये। इसके साथ ही ऐसी नदियों जिनमें बाढ़ आती है उनकों भी चिन्हित करें। वह नदिया जो प्रदेश सहित अन्य राज्यों में बहती हैं उन पर भी ध्यान रखा जाये। बड़े तालाब और नाले जिनसे बाढ़ आने की संभावना रहती है, उनको भी चिन्हित किया जाये। सभी बड़े बाँधों की सूची तैयार की जाये और जल संसाधन विभाग से इन बाँधों को बाढ़ और अतिवृष्टि को ध्यान में रखकर किये गये सुदृढ़ीकरण के कार्य और जिले में बाढ़ आने के मुख्य कारणों की जानकारी एकत्रित कर शासन को भिजवाएं। जिले में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में स्थित प्राकृतिक जलाशयों और जल निकास की नालियों की साफ-सफाई, तालाबों से अतिक्रमण हटाने और तालाब, नालों और बाँधों के तटबंधों का निरीक्षण कर उनका सुदृढ़ीकरण भी किया जाये।
बाढ़ की संभावना वाले क्षेत्रों में नागरिकों को सूचना देने के लिये व्यवस्थित प्रणाली बनाई जाये। बाढ़ और अतिवृष्टि के दौरान की जाने वाली आपातकालीन कार्यवाहियों के लिये जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन दल का गठन करें और जिला स्तरीय आपदा प्रबंधन समिति की बैठके आयोजित की जाएं। आवश्यक सेवाएँ जैसे ऊर्जा, संचार, सड़क और पुल आदि के रख-रखाव की स्थिति की समीक्षा की जाये। सभी विभागों से बाढ़ से निपटने के लिये बनाये गये नोडल अधिकारियों के नाम, पता, दूरभाष, मोबाइल नम्बर, फैक्स और ई-मेल की जानकारी भी पहले से संकलित की जाए।
बाढ़ प्रभावित होने वाले क्षेत्रों का आकलन कर क्षेत्रों में आवश्यक वस्तुएँ दवाइयाँ आदि का पर्याप्त मात्रा में भंडारण सुनिश्चित किया जाये। इसके साथ ही बाढ़ की स्थिति में राहत शिविर लगाने की स्थिति पैदा होने पर शिविरों के लिये स्थान आदि भी पहले से तय करा लें। बाढ़ में राहत और बचाव में काम आने वाले उपकरण, नाव, मोटर बोट, रबर बोट आदि की तैयारी पहले से रखें। जिले में उपलब्ध मोटर बोट, रबर बोट आदि उपकरणों का परीक्षण कर यह सुनिश्चित करें कि वह सभी कार्यशील स्थिति में हों। बाढ़ के दौरान राहत एवं बचाव कार्य में जिनकी सेवाएँ ली जाना है उन्हें प्रशिक्षित भी करें। जिला मुख्यालय पर आपदा नियंत्रण केन्द्र की स्थापना करें जो 24 घंटे सक्रिय रहें।
« PREV
NEXT »