पोयनाड़ (अलिबाग)। दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वर जी
म.सा. की पाट परम्परा के अष्टम पटधर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान
गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. आदि ठाणा मुनिमण्डल
एवं श्रमणी मण्डल की पावनतम निश्रा में 29 फरवरी को नगर प्रवेश के बाद से प्रभु श्री वासुपूज्य
भगवान एवं दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की गुरु प्रतिमा, देवी-देवताओं आदि की प्रतिमा
प्रतिष्ठा अंजनशलाका महामहोत्सव चल रहा था । प्रतिष्ठा महोत्सव में आचार्यश्री के
विशिष्ठ मंत्रोच्चारों के साथ आज गुरुवार को प्रातः लगभग 11ः30 बजे 12 वें तीर्थंकर प्रभु श्री वासुपूज्य भगवान, गौतमस्वामी जी, दादा गुरुदेव सहित सभी जिन प्रतिमा
व अन्य प्रतिमाओं की प्रतिष्ठा आचार्यश्री के वरद हस्तों से सम्पन्न हुई । मुलनायक
प्रभु की प्रतिमा, दादा गुरुदेव की प्रतिमा व कलश के साथ ही फले चूदड़ी का लाभ श्री
पुखराजजी सांवलचंदजी बाफना परिवार भीनमाल मुम्बई वालों को प्राप्त हुआ । मंदिर पर
मुख्य ध्वजा फतापुरा निवासी शा. मोहनलालजी धर्मचंदजी सिसोदिया राणावत परिवार
द्वारा फहरायी गई । ध्वजा फहराने के पश्चात् धर्मसभा में श्री वासुपूज्य राजेन्द्र
जैन संघ पोयनाड की और से आचार्यश्री को पुखराजजी सांवलचंदजी बाफना परिवार ने कामली
ओढा कर आशीर्वाद प्राप्त किया ।
श्री गौतमस्वामी जी की प्रतिमा विराजमान करने का लाभ शा. पोपटलालजी चंदनमलजी ढुमावत परिवार को प्राप्त हुआ । प्रतिष्ठा के समय शा. भुपालचंद धनराजजी वेदमेहता परिवार की और से शाही करबे का आयोजन किया गया । श्री वासुपूज्य राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष मोहनलाल राणावत, सचिव नवरतन बांठीया, कोषाध्यक्ष अशोक मेहता व ट्रस्टी- भुपाल मेहता, फुटरमल बाफना, भरत परमार, सतीश दोशी, अशोक राणावत ने प्रतिष्ठा महामहोत्सव की सफलता के लिये पधारे हुये सभी अतिथियों, आचार्यभगवन्त, मुनिभगवन्त व साध्वीवृंद का आभार माना ।
श्री गौतमस्वामी जी की प्रतिमा विराजमान करने का लाभ शा. पोपटलालजी चंदनमलजी ढुमावत परिवार को प्राप्त हुआ । प्रतिष्ठा के समय शा. भुपालचंद धनराजजी वेदमेहता परिवार की और से शाही करबे का आयोजन किया गया । श्री वासुपूज्य राजेन्द्र जैन श्वेताम्बर मूर्तिपूजक संघ के अध्यक्ष मोहनलाल राणावत, सचिव नवरतन बांठीया, कोषाध्यक्ष अशोक मेहता व ट्रस्टी- भुपाल मेहता, फुटरमल बाफना, भरत परमार, सतीश दोशी, अशोक राणावत ने प्रतिष्ठा महामहोत्सव की सफलता के लिये पधारे हुये सभी अतिथियों, आचार्यभगवन्त, मुनिभगवन्त व साध्वीवृंद का आभार माना ।