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खबर की खबर....आयुष क्लीनिक पर स्वास्थ्य विभाग को अधिकार नहीं....फिर कैसे हो गई कारवाई....हमारी पड़ताल ओर उठते सवाल ?



 एमपी के धार जिले के राजगढ़ मंे पुराना बस स्टैण्ड पर शनिवार कों सरदारपुर का स्वास्थ्य विभाग हौम्योपैथिक डाक्टर एस.एम.खान के यहा पर एक पोस्टर लगाया था जिसमें लिखा था जिसका फोटो नीचे दिया है जिसमें यह लिखा था कोराना वायरस से बचने की दवाइयां उपलब्ध है....





  लेकिन आज हम पड़ताल में वह सच बताने वाले है जिस प्रकार से स्वास्थ्य विभाग ने जिस डाॅक्टर के क्लीनिक पर कारवाई ओर उसके बाद उसके क्लीनिक को बन्द करवाया वह आयुष विभाग के अन्र्तगत आता है ओर क्येाकीं हौम्योपैथी,युनानी व आर्युवेदिक डाक्टर पर आयुष विभाग ही कारवाई कर सकता है इस पर आयुष क्लीनिको पर सीधे स्वास्थ्य विभाग कारवाई नही कर सकता है।

हमारी पड़ताल में हौम्योपैथिक डाॅक्टर पर कारवाई से पहले स्वास्थ्य विभाग पहले समझना था कि आयुष क्लीनिको पर जा रहे है ओर हमारा कारवाई का अधिकार ही नहीं है ओर जो पोस्टर पर लिखा क्या है ओर कैसे यह भी जान लेते तो मामला गंभीर नहीं बनता लेकिन सरदारपुर के स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले को गंभीर बना दिया है।

हम क्यो ऐसा बता रहे जानिए....

 शिवराज सरकार के समय भी ऐसा मामला आया था उस समय स्वास्थ्य एवं आयुष मंत्री रुस्तम सिंह थे जिन्होने स्वास्थ्य विभाग को आयुष डाॅक्टर्स के खिलाफ कारवाई का अधिकार नही है ओर कहा था सीएमएचओ आयुष विभाग को लिखें ओर उन्होने यह कारवाई रोकने के आदेश दिए थे। अब वर्तमान में कमलनाथ सरकार है ओर इस आयुष विभाग की मंत्री है डाॅ.विजयलक्ष्मी साधौ है ओर धार जिले प्रभारी भी है अब इन्है भी स्पस्ट करना चाहिए कि स्वास्थ्य विभाग को है क्या कारवाई अधिकार या आयुष विभाग का ।

   खबर तो ये हैं कि वाकई एमपी अजब है गजब है क्यो तो जानिए लेकिन उससे पहले कोरोना वायरस के बारे में दरहसल भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के तहत कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए एडवाइस जारी की थी जिसमे कोरोना से बचने के लिए होम्योपैथीएयूनानी औषधिया उपयोगी है।

जिसको लेकर चेतावनी जारी की गई थी जिसमे होम्योपैथी को लेकर क्या है....

.आयुष मंत्रालय की पहल सेए सेंट्रल काउंसिल फॉर रिसर्च इन होम्योपैथी यसीसीआरएचद्ध ने 28 जनवरीए 2020 को अपने वैज्ञानिक सलाहकार बोर्ड की 64वीं बैठक में कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव के तरीकों और उपायों पर चर्चा की। विशेषज्ञों के समूह ने सिफारिश की है कि होमियोपैथी दवा आर्सेनिकम एल्बम 30 को कोरोना वायरस संक्रमण के खिलाफ रोगनिरोधी दवा के रूप में अपनाया जा सकता हैए जिसे आईएलआई की रोकथाम के लिए भी सुझाया गया है। इसने आर्सेनिकम एल्बम 30 की एक डोज की सिफारिश की हैए जो प्रतिदिन खाली पेट में तीन दिनों के लिए इस्तेमाल की जाती है। खुराक को एक महीने के बाद दोहराया जाना चाहिए ताकि समुदाय में प्रबल होने वाले कोरोना वायरस संक्रमण के उसी शेड्यूल का पालन किया जा सके। इसके अलावा विशेषज्ञ समूह ने सलाह दी है कि रोग की रोकथाम के लिए भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा सुझाए स्वास्थ्यकर उपायों का जनता द्वारा पालन किया जाना चाहिए।




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