कोरोना वायरस के बारे में बहुत अच्छी जानकारी डॉ रजनीश जैन द्वारा श्री आर के होम्योपैथिक हॉस्पीटल आैर डाग्नोस्टीक सेन्टर सागवाड़ा में डॉ
रजनीश जैन ने कोरोना वायरस के बारे में बहुत अच्छी जानकारी देने का प्रयास कीया है यहाँ बहुत कुछ डर और चिंता लोगों के
बीच विदेश यात्रा के बारे में है की कोरोना वायरस बहुत गातक हैं । पर चिंता मत करो इसके बारे में यहाँ बहुत ही
अच्छी होमियोपैथी दवाएं मोजुद है वायरस को
रोकने के और इलाज करने के लिए अध्ययन करने के बाद लक्षण के माध्यम से उपलब्ध होम्योपैथिक दवाइयां
डॉ रजनीश जैन की सलाह से निम्नलिखित होम्योपैथिक दवाएं को बताया जा रहा है ।
डॉ रजनीश जैन के 20 वर्ष का अनुभव विभिन्न तीव्र और जीर्ण रोगों से
निपटने होम्योपैथी हमेशा मददगार साबित होता आ रहा है । आर्सेनिक alb 30 दैनिक सुबह 4 की गोलियाँ और शाम 4गोलीया 5 दिनों के लिए फिर कोई दवा नहीं 6 दिन तक। फास्फोरस परफोरेटम 30 7 दिन सुबह 4 की गोलियाँ ।
दैनिक उपयोग के निम्नलिखित होम्योपैथिक
मदर टिंचर की मदद मिलेगी वायरस को रोकने और इलाज के तोर पर….
15 दिनों के लिए 1. ओसीमम सैंक्टम मदर टिंचर* पीए सुबह 10 बूँदें और शाम 10 बुन्द गर्म पानी के साथ । 2. टीनोस्पोरा कोर्डीफोलीया ( अमृता बल्ली कन्नड़ और thippa theega तेलुगु में)। दोपहर 10 बूँदें और रात 10 बुन्दे गर्म पानी के साथ । 3 ईचिनेशीया मदर टिंचर 20 बुन्द सुबह दोपहर शाम सावधानियां : 1. सावधानियों के बारे में साफ-सफाई और
स्वच्छता। 2. जंक फूड और गैर-शाकाहारी भोजन का उपभोग नही करे । 3. प्रत्यक्ष शारीरिक संपर्क के साथ व अन्य व्यक्तियों से बचे के लिए
नाक मुखौटा उपयोग करे । 4. कुछ होम्योपैथिक दवाए रखे और उनका का
उपयोग करें सलाह की होम्योपैथिक चिकित्सक को । 5. चिकित्सा मदद लेने के लिए होम्योपैथिक
चिकीत्सक के सम्पर्क में रहे ।
आत्मनिर्भर बने, दुध, क्रिम से बनी हुई बाजार की चिजो का उपयोग कम से कम करने की कोशिश
करे। भारत* में कोरोना वायरस को फैलने से
रोकेगी होम्योपैथिक दवा डॉ रजनीश जैन का मानना है। *चीन* में फैल रहे जानलेवा कोरोना
वायरस से लोगों में फैले डर को होम्योपैथिक दवा से कम किया जा सकता है। आज
केंद्रीय होम्योपैथिक अनुसंधान परिषद मुख्यालय में वैज्ञानिक सलाहाकार बोर्ड की
बैठक में आयुष मंत्रालय के कहने पर मुख्य लक्षणों के आधार पर होम्योपैथिक दवा का
चयन किया गया। बैठक की अध्यक्षता कर रहे डाॅ. वी.के.
गुप्ता जी ने कहा कि जहाँ पर कोई दवा की प्रूविन्ग नहीं हो लक्षणों के आधार पर दवा
का चयन उचित होगा परिषद के डायरेक्टर जनरल डाॅ. अनिल खुराना के कहने पर लक्षणों के
आधार पर रेपर्टराईस करके आर्सेनिक अल्बम नामक होम्योपैथिक दवा* का चयन किया गया
जिस पर सभी सदस्यों की सहमति के बाद आयुष मंत्रालय को अनुसंधान परिषद् की तरफ से
एडवाइजरी भेजी गई। कोरोना वायरस से संक्रमित *व्यक्ति को सबसे पहले सांस लेने में
दिक्कत, गले में दर्द, जुकाम, खांसी और बुखार होता है. फिर यह बुखार निमोनिया का रूप ले सकता है
और निमोनिया किडनी से जुड़ी कई तरह की दिक्कतों को बढ़ा सकता है* । इस वायरस कि सबसे
खास बात यह है कि यह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है।
कोरोनवायरस को रोकने के लिए कोई टीका उपलब्ध नहीं है, इसलिए डॉक्टर जोखिम को कम करने के लिए
अन्य महत्वपूर्ण दवाओं का उपयोग कर रहे हैं. कोरोनो वायरस अगर लंबे समय तक अपना
प्रभाव बनाए रखने में सफल हो जाए या घातक स्तर पर पहुंच जाए तो जान के लिए खतरा
पैदा कर सकता है।चीन में अब तक 80 मौतें हो चुकी हैं। 11 देशों में फैल चुके इस वायरस की दस्तक अब भारत में भी हो गई है। यह
वायरस उत्तर प्रदेश, बिहार के बाद अब दिल्ली, राजस्थान तक भी पहुँच गया है। बिहार से कोरोना वायरस के चार जबकि
उत्तर प्रदेश से एक संदिग्ध मरीज मिला है। दिल्ली तथा राजस्थान में भी संदिग्ध
मरीजे मिले रहें हैं जिन्हें अस्पतालों में भर्ती कराकर उनका जाँच व इलाज जारी है। ने बताया कि नई दिल्ली में बैठक चल ही
रही थी इसी,
बीच आयुष मंत्रालय से निर्देश, आया कि कोरोना वायरस पर होम्योपैथिक
चिकित्सा पद्धति में क्या बेहतर किया जा सकता है जिस पर तुरन्त विस्तृत चर्चा सभी
सदस्यों ने किया। बुखार के साथ खाँसी तथा स्वांस की परेशानी में आर्सेनिक अल्बम सबसे
बेहतर होम्योपैथिक दवा बताया है जो बचाव तथा इलाज में कारगर साबित होगी।
डॉ रजनीश जैन
श्री आर के होम्योपैथिक हॉस्पीटल सागवाड़ा