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घटना पर राजनैतिक रोटियां सेंकने का प्रयास कर रही भाजपा के सरपंच रमेश जूनापानी की गिरफ्तारी से, भाजपा का असली चेहरा हुआ उजागर : शोभा ओझा



  भोपाल: मध्यप्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्षा श्रीमती शोभा ओझा ने आज जारी अपने वक्तव्य में कहा कि धार जिले के मनावर में कल किसानों पर हुई हिंसक हमले की घटना से पूरा प्रदेश दुखी और आहत है। घटना की गंभीरता को समझते हुए मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश देते हुए कहा है कि प्रदेश में ऐसी घटनाओं को अब बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रदेश सरकार ने एक और जहां घटना में मृतक किसान के परिवार को दो लाख रुपये की आर्थिक सहायता तुरंत स्वीकृत करते हुए, घायलों के बेहतर इलाज की सारी व्यवस्थाएं की हैं, वहीं प्रशासन ने 45 आरोपियों पर एफआईआर दर्ज करते हुए, एसआईटी गठित कर, तेज गति से गिरफ्तारियां भी शुरू कर दी हैं। दुखद है कि ऐसे संवेदनशील और गंभीर मुद्दे पर भी, वह भाजपा अपनी राजनीतिक रोटियां सेकने का अवसर देख रही है, जिसका नेता और सरपंच रमेश जूनापानी स्वयं घटना में शामिल था।

  आज जारी अपने वक्तव्य में उपरोक्त विचार व्यक्त करते हुए श्रीमती ओझा ने कहा कि मनावर में घटित उक्त घटना बेहद दुखद है और इसी का संज्ञान लेते हुए, मुख्यमंत्री श्री कमलनाथ ने सरकार, प्रशासन और पुलिस को यथासंभव सभी राहतकारी और दंडात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। इस घटना के बाद दोषी थाना प्रभारी, थानेदार सहित कुल 5 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर, सरकार ने जहां ऐसी घटनाओं के प्रति अपना कठोर रुख दर्शा दिया है, वहीं ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के निर्देश भी सरकार द्वारा अधिकारियों को दिए गए हैं।

  अपने बयान में श्रीमती ओझा ने आगे कहा कि भीड़ द्वारा की गई हिंसा की उक्त घटना से चिंतित भाजपा के नेता, यह नहीं बता रहे हैं कि ऊना, दादरी, अलवर और झारखंड जैसी सैकड़ों घटनाओं में हुई मॉब लिंचिंग के वक्त, उनकी संवेदनशीलता और मुखरता कहां चली गई थी? भाजपा नेताओं को यह भी बताना चाहिए कि जब सुप्रीम कोर्ट ने भीड़-तंत्र पर सख्त कानून बनाने के निर्देश केंद्र सरकार को वर्ष 2018 में दिए थे, तब वह कानून मोदी सरकार ने क्यों नहीं बनाया और जब राजस्थान और मध्यप्रदेश की नवगठित कांग्रेस सरकारों ने भीड़-तंत्र के खिलाफ कानून बनाया तो भाजपा ने उस कानून का जमकर विरोध क्यों किया था?

  अपने बयान के अंत में श्रीमती ओझा ने कहा कि यह भाजपा के लिए राजनीति का नहीं, शर्म का विषय होना चाहिए कि अधिकांश मॉब लिंचिंग की घटनाओं में भाजपा से जुड़े लोगों के ही नाम अब तक सामने आते रहे हैं और मनावर की स्तब्ध कर देने वाली घटना में भी भाजपा नेता और ग्राम बोरलई के सरपंच रमेश जूनापानी का नाम ही सामने आया है। उक्त हृदय विदारक घटना में आरोपी भाजपा नेता की गिरफ्तारी के बाद, शिवराज सिंह और भाजपा की कथनी और करनी का अंतर तो स्पष्ट हुआ ही है, उनका असली चाल, चरित्र और चेहरा भी जनता के सामने उजागर हो गया है।
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