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गंगा महादेव में आदिवासियों के सांस्कृतिक पर्व भगोरिया की शुरुआत,भगोरिया मेले में सरदारपुर विधायक ग्रेवाल ने मांदल दलों को सम्मानित किया....





 धार : महाशिवरात्रि के साथ ग्राम सुल्तानपुर के गंगा महादेव में आदिवासियों के सांस्कृतिक पर्व भगोरिया की शुरुआत हो चुकी है। गंगा महादेव में भगवान शिव की आराधना के साथ एक ओर जहा शिव भक्तों का तांता नजर आया वही आदिवासी बंधु पर्व भगोरिया की खुशियां मनाने बड़ी संख्या मे पहाड़ियों के बीच बांसुरी की धुन के साथ ढोल-मांदल की थाप से नजर आए।

 उल्लेखनीय है महाशिवरात्रि से ही गंगा महादेव में आदिवासियों के सांस्कृतिक पर्व भगोरिया की शुरुआत हो जाती है साथ ही यहा प्राकृतिक गुफाओ व पहाड़ियों के बीच इस पर्व के मनाने की पंरपरा बरसो पुरानी है।
 गंगा महादेव पहाडिय़ों के मध्य कुंदरा में प्राचीन शिव मंदिर है। शिवालय के सामने बड़ा सा कुंड है। शांत वातावरण में पहाड़ी से कुंड में गिरता झरना चांदी सी सफेद धारा से गुंजमान कर शिव का अभिषेक करता है। यहां कई वर्षो से महाशिवरात्रि के अवसर पर एक दिवसीय मेला लगता है। मेले में आसपास के आदिवासी क्षेत्रों से कई आदिवासियों की टोलियां सुबह से ही गंगामहादेव के मंदिर में मांदल की थाप से भगवान शिव को प्रसन्न करते हैं। दोपहर के बाद आसपास के क्षेत्रों से आई मांदलों के साथ की टोलियां पहाड़ी पर एकत्र होकर मांदल की थाप व बांसुरी की धुन पर नाचते हैं और शिवजी के समक्ष अपनी मन्नतें पूरी करते हैं।




  गंगा महादेव मंदिर परिसर में बांसुरी की धुन के साथ ढोल-मांदल की थाप सुनाई दी। हजारों ने इस मेले में सहभागिता की। मांदल में करीब आसपास के 40 मांदल दल पहुंचे थे। भगोरिया मेले में सरदारपुर विधायक प्रताप ग्रेवाल ने मांदल दलों को सम्मानित किया। 
इस अवसर पर जनपद सीईओ पंकज दरोठिया, ब्लाक कांग्रेस अध्यक्ष मोहनलाल मुकाती, जिला उपाध्यक्ष पुष्पेन्द्रसिंह राठौर, कार्यवाहक अध्यक्ष भेरूसिंह बड़गोता, सरपंच दरियावसिंह भूरिया, सचिव प्रवीण चावरे, सेक्टर अध्यक्ष चंदरसिंह  पटेल, हरचंद बामनिया, जालमसिंह  डावर, बबलु डावर, मण्डलम अध्यक्ष जगदीश पाटीदार, राधेश्याम जाट, शुभम दीक्षित, सोनू भई धार आदि उपस्थित थे।
  
 rमांदल की थाप पर जमकर थिरके व मांदल भी बजाई। नृत्य का कार्यक्रम दोपहर बाद चालू हुआ। मेले में झूले,चकरी,खान-पान की सामग्री व शीतल पेय की दुकान लगी। भगोरिया मेले में शामिल होने के लिए बाहर गए मजदूर वर्ग भी लौट आए हैं। मंदिर परिसर से करीब 500 मीटर दूर घाटी के ऊपर से ही वाहनों को रोक लिया गया था। मेले में करीब 8 हजार लोग पहुंचे थे। गंगा महादेव पहुंच मार्ग पर कई जगह जाम की स्थिति बनी।






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