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श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में अजय नाहर की दीक्षा 15 जनवरी को.केसर से कपड़े रंगने के साथ त्रिदिवसीय दीक्षा महामहोत्सव प्रारम्भ





  राजगढ़ (धार) । दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर श्री मोहनखेड़ा तीर्थ विकास प्रेरक वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की निश्रा, मुनि मण्डल, साध्वीवृदों की पावनतम सानिध्यता एवं श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वावधान में दसई निवासी अजय अशोककुमारजी नाहर की दीक्षा एवं साध्वी श्री हर्षितगुणाश्री जी म.सा., साध्वी श्री हितरत्नाश्री जी म.सा. की बड़ी दीक्षा की भव्य विधि 15 जनवरी को प्रातः 7 बजे से प्रारम्भ होगी ।









    


    आज सोमवार को सुबह 11:00 बजे आचार्यश्री, गुरुभगवन्तों के मंगल प्रवेश के साथ वैराग्योत्सव कार्यक्रम की शुरुआत हुई । आचार्यश्री के साथ दीक्षार्थी ने जिन मंदिर में चैत्यवंदन व गुरु समाधि मंदिर में गुरुवंदन की विधि की तत्पश्चात् आचार्यश्री ने आचार्य पाट कक्ष में पधारे हुये समस्त गुरु भक्तों को मांगलिक श्रवण करवाया । दोपहर में विजय मुहूर्त में सिद्धचक्र महापूजन हुआ । दोपहर 2 बजे से दीक्षार्थी के कपड़े केसर से रंगने का कार्यक्रम हुआ । इसमें आचार्यश्री ने अपने वरदहस्तों से दीक्षार्थी की भरायी जाने वाली छाब में वासक्षेप आशीर्वाद प्रदान कर कपड़ों पर केसर के छीटे किये । कार्यक्रम में उपस्थित धर्मालुजनों व लाभार्थी संजयकुमार बाबुलालजी नाहर परिवार उज्जैन ने आचार्यश्री को भी केसर के छीटे किये । इसके साथ ही बहनों की मेहन्दी व सांझी का संगीतमय कार्यक्रम हुआ जिसमें मन्दसौर से आई गायक कलाकार प्रेरणा भटनागर ने सांझी, मेहन्दी के साथ संयम के गीतों की प्रस्तुति दी । रात्रि में रंगारंग भक्ति भावना हुई ।







___ कपड़े केसर से रंगने से पूर्व ज्ञानप्रेमी मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि जैन धर्म में दीक्षा का बड़ा महत्व है । अपनी आत्मा को सही दिशा में अग्रसर करने का मार्ग ही संयम मार्ग है सारी इच्छाओं का त्याग करके केवल प्रभु आज्ञा को स्वीकार करना ही संयम मार्ग है । संयमी आत्मा अहंकार से मुक्त हो जाती है जबकि संसारी आत्मा अहंकार से युक्त होती है । दीक्षार्थी अजयकुमार पिछले 12-13 वर्षों से लगातार गुरु सानिध्य में चल रहे है । आत्मा कब जागृत हो जावे है इसका पता नहीं चलता । अजय नाहर ने भी इन्दौर चातुर्मास में केशलोचन करवाया और उनकी आत्मा का लोचन हो गया । उनके मन में संयम के भाव जागृत हो गये और आज संयम पथ की ओर अपने कदम अग्रसर कर लिये ।



  कल मंगलवार को दीक्षार्थी अजय नाहर का एतिहासिक वर्षीदान वरघोड़े का आयोजन प्रातः 9 बजे होगा । विजय मुहूर्त में श्री गुरुपद महापूजन एवं शाम 4 बजे अंतिम वायणा की विधि व रात्रि 8 बजे राखी एवं विदाई समारोह का आयोजन होगा । दीक्षा की विधि श्री गुरु राजेन्द्रसूरि दीक्षा वाटिका में सम्पन्न होगी ।
__श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) की और से मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ने सभी गुरुभक्तों को आग्रह किया है कि दीक्षा समारोह कार्यक्रम में अधिक से अधिक संख्या में पधारकर जिनशासन एवं गुरुगच्छ की शौभा में अभिवृद्धि करें |

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