राजगढ़(धार)। श्री महाराणा प्रताप राजपूत समाज द्वारा जिले की प्रथम
महाराणा प्रताप की प्रतिमा नगर की वाटिका में स्थापित की गई थी। महाराणा प्रताप
राजपूत समाज एवं राजपूत समाज के अन्य संगठनों द्वारा उक्त वाटिका का नाम महाराणा
प्रताप के नाम से रखने की मांग की गई थी। इस पर नगर परिषद द्वारा सर्वसम्मति से
उक्त वाटिका का नाम श्री महाराणा प्रताप राजगृही वाटिका करने का प्रस्ताव पारित कि
या। इससे संपूर्ण राजपूत समाज ने हर्ष जताया। उक्त निर्णय के बाद समाज द्वारा
अभिनंदन समारोह का आयोजन किया गया ।
जिसमे पुरुषोत्तम जी भारद्वाज ,क्षेत्रीय विधायक प्रताप ग्रेवाल ,नगर परिषद अध्यक्ष भवर सिंह बारोड, करणी सेना जिला अध्यक्ष सहित परिषद के
पार्षद, समाज जन आदि मौजूद थे।
कार्यक्रम का संचालन व आभार अंतिम सिंह
पवार ने किया वही सर्वसम्मति से समाज के संरक्षण के रूप
में समाज के वरिष्ठ विजय सिंह तोमर को बनाया गया।
विधायक प्रताप
ग्रेवाल ने संबोधन में कहा कि सरदारपुर क्षेत्र में ऐसी कई कहानियां है जो वृद्धो
से सुनने को मिलती है ऐसा कोई इतिहास हो जिन्होने देश के आजादी में बलिदान दिया हो
लेकिन किसी कारणवश इतिहास के पन्नो में नही आया हो मैने राणा बख्तावरसिंह जी की
पुस्तके पढ़ी है कही न कही हमारे सन्दला भवानीसिंह जी का भी उल्लेख होना चाहिए था
वो भी इतिहास के पन्नो से छूट गया हमारे देश की आजादी मेें महत्वपूर्ण योगदान है।
आपको ज्ञात दिलाते सेनापति कुँवर भवानीसिंह राणा बख्तावर सिह के
सेनापति थे ये तत्कालीन गांव सन्दला के निवासी थे और आखिरी सास तक राजा के साथ
रहे।