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चातुर्मास की अन्तिम महामांगलिक के साथ हुआ चातुर्मास विदाई समारोह,लाभार्थीयों एवं सेवादारों का किया सम्मान










इन्दौर (म.प्र.)  दादा गुरुदेव की पाट परम्परा के अष्टम पट्टधर वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा.ज्ञानप्रेमी मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा.मुनिराज श्री रुपेन्द्रविजयजी म.सा.मुनिराज श्री जिनचन्द्रविजयजी म.सा.मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा.मुनिराज श्री जनकचन्द्रविजयजी म.सा. एवं सेवाभावी साध्वी श्री संघवणश्री जी म.सा. आदि ठाणा की पावनतम निश्रा में यशस्वी चातुर्मास की पूर्णता के अवसर पर आचार्यश्री की महामांगलिक के साथ चातुर्मास के सभी लाभार्थीयों एवं चार माह तक निस्वार्थ सेवा प्रदान करने वाले समस्त सेवादारों का सम्मान किया गया । कार्यक्रम संयोजक श्री जयंसिह लोढ़ा ने अपने उदबोधन में आचार्यश्रीमुनिमण्डलसाध्वीवृंद आदि का आभार माना व समस्त लाभार्थीयों एवं सेवाऐं देने वाले सभी सेवादारों गुरुभक्तों का आभार मानते हुये कहा कि आचार्यश्री ने मुझे जो समाज भूषण पद से अलंकृत करने की बात कही हैजबकि समाज भूषण पद के यह सभी हकदार है । इन्होंने मेरे साथ कंधे से कंधा मिला कर अभूतपूर्व सहयोग दिया ।






       गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. ने चातुर्मास की सफलतम पूर्णता पर समस्त लाभार्थीयों व श्रीसंघ के पदाधिकारीयोंट्रस्टीयोंसमाजजनों एवं सेवादारों को बधाई देते हुये कहा कि यदि मेरा कोई भक्त यह कहता है कि मैं आचार्यश्री का खास हूं तो मेरा यह कहना है कि मेरे जितने भी भक्त है वह सभी मेरे खास है । आप लोग जब भी मुझे दिल से याद करोगेंमैं सबके लिये हाजिर हूं और सभी के दिल में बैठा हुआ हूं । आचार्यश्री ने आगे कहा कि तिलक नगर में गुरु मंदिर बना दिया गया है यहां पर सभी गुरु भक्त नियमित आये दादा गुरुदेव की सेवा करें दर्शन का लाभ ले और यहां के सभी कार्यक्रमों में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करें । भाई जयसिंह राजेन्द्रजी जैन लोढ़ा ने चातुर्मास का सफल संयोजन किया है चातुर्मास सफल रहा है यहां पर कई नये भक्तों से सम्पर्क बना है । जयसिंह जी को समाज भूषण से हम 2 जनवरी 2020 गुरु सप्तमी पर अलंकृत करेगें । हम 12 नवम्बर को चातुर्मास परिवर्तन कर महावीर नगर स्थित मोतीलालजी रांका के निवास पर जायेगें । 13 नवम्बर को रेसकोर्स रोड़ स्थित श्री पाश्र्वनाथ सोसायटी दर्शन वंदन करेगें । 14 नवम्बर को पूनः आराधना भवन तिलक नगर आयेगें । 16 नवम्बर को गुमास्ता नगर दर्शन वंदन करते हुये 17 नवम्बर को सिलिकोन सिटी राउ स्थित जिन मंदिर गुरु मंदिर में 18 अभिषेक कार्यक्रम में अपनी निश्रा प्रदान कर महामांगलिक का श्रवण करायेगें । खाचरौद श्रीसंघ से आचार्यश्री को खाचरौद पधारने की विनती की माणकचंदजी नांदेचा एवं श्री नाकोड़ा पाश्र्वनाथ ट्रस्ट मण्डल खाचरौद द्वारा की गई । इस पर आचार्यश्री ने कहा कि 27 नवम्बर को उपाश्रय का उद्घाटन होना है 26 तक खाचरौद पहुंचने का प्रयास करुंगा ।

       इस अवसर पर ज्ञानप्रेमी मुनिराज श्री पुष्पेन्द्रविजयजी म.सा. ने कहा कि आचार्यश्री]मुनिभगवन्तसाध्वीवृंद चार माह तक वर्षावास के दौरान हर मानव को दानव से मानव बनने के संस्कार प्रदान करते है हमारा इन्दौर नगर का चातुर्मास यादगार चातुर्मास रहा । आचार्यश्री ने चार माह में सभी समाजजनों और आराधकों को जीवन जीने की चाबी सुपुर्द कर दी है । हमारा आप सभी से चार माह का नाता नहीं है यह नाता अन्तिम श्वांस तक का जुड़ चूका है । गुरुदेव ने तिलक नगर संघ को एक बड़ी धरोहर बना कर सुपुर्द की है अब इसकी प्रगति और रक्षा करना आपका कर्तव्य है हमेशा जीवन में विकास करने की चेष्टा करते रहना चाहिये । कार्यक्रम में मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. ने गा रहा हूं इस मंदिर में आपकी बदोलत है गीत से सभी का मन मोह लिया ।

       महामांगलिक से पूर्व चातुर्मास प्रारम्भ से लगाकर अंतिम सभी चढ़ावों के लाभार्थीयों का सम्मान चातुर्मास समिति की और से किया गया साथ ही चातुर्मास संयोजक श्री जयसिंह राजेन्द्र जी लोढ़ा टाण्डावालेआनन्दीलालजी अम्बोरसंतोषजी पुराणीअशोक कापड़ियाशेलेष अम्बोरनवहिन्दुस्तानी गु्रप लीडर गोलु प्रितेश सकलेचा आदि का विशेष रुप से सम्मान किया गया । विदाई समारोह व महामांगलिक का सम्पूर्ण आयोजन श्री जयसिंह राजेन्द्रकुमारजी लोढ़ा टाण्डावालों की और से किया गया ।



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