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‘यमुना संगम’ कार्यक्रम की तैयारी पूरी,पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज ने कार्यक्रम स्थल का किया दौरा




 

  नई दिल्ली । गांधी स्मृति, राजघाट,दिल्ली में आयोजित होने जा रहे कार्यक्रम के निमित्त पत्रकार वार्ता का आयोजन किया गया। पत्रकार वार्ता में परम् पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज (मुनी जी), परमाध्यक्ष, परमार्थ निकेतन, ऋषिकेष व मुख्य संरक्षक यमुना परिवार काउंसिल ने पत्रकार वार्ता को संबोधित किया। प्रेसवार्ता की अध्यक्षता काउंसिल के निदेशक कपिल गर्ग ने की। पत्रकार वार्ता के कार्यक्रम में विभिन्न पत्रकार बंधुओं ने हिस्सा लिया। श्री गर्ग ने सभी पत्रकार बंधुओं के परिचय के साथ-साथ आगामी 28 दिसम्बर को होने जा रहे कार्यक्रम के बारे में अवगत कराया। श्री गर्ग ने बताया कि इस बार यह पांचवीं दिव्य महाआरती होने जा रही है। इससे पूर्व वर्ष 2021 से दिल्ली में लगातार महाआरतियां होती आ रही हैं, जिससे दिल्लीवासियों में मां यमुना जी की स्वच्छता को लेकर लगातार उत्साह बढ़ रहा है। श्री गर्ग ने बताया कि यमुना संगम कार्यक्रम को लेकर दिल्ली की लगभग 22 किलोमीटर की बेल्ट में लोगों से निरंतर संपर्क किया जा रहा है। साथ ही राज्य सरकारों के मुख्यमंत्री, पदाधिकारी, प्रशासनिक अधिकारी, अनेकों सुप्रसिद्ध संस्थाएं, संत महत्मा, प्रबुद्ध समाजसेवी तथा मां यमुना साधकों से भी संपर्क किया जा चुका है। श्री गर्ग ने यह भी बताया कि इस दिव्य कार्यक्रम में गंगा, यमुना और सरस्वती की मूर्तियों के रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। 

प्रेसवार्ता के माध्यम से परम् पूज्य स्वामी चिदानंद सरस्वती महाराज (मुनी जी) ने अपने संबोधन में बताया कि यह भारत के आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में मां यमुना जी के स्वच्छता मिशन में संपूर्ण भारत को जोड़ा जाएगा। स्वामी जी ने बताया कि नदियां सबको जीवन देती हैं। उन्होंने यह भी बताया कि जो सबको साथ लेकर चले, वही सनातन है। नदियां मेरी हैं, और मुझे हर गांव, हर गली, हर मोहल्ले को जोड़कर और साथ लेकर इस मिशन को आगे बढ़ना है। साथ ही स्वामी जी ने कहा कि हम लगातार विभिन्न राज्य सरकारों, सुप्रसिद्ध संस्थाओं से संपर्क कर रहे हैं। राज्य सरकारों ने भी हमें मां यमुना स्वच्छता मिशन में अपने सहयोग देने के लिए हमें आवश्स्त किया है। उन्होंने यह भी बताया कि आने वाले दिनों में मां यमुना जी के किनारे हरे-भरे पेड़, साथ ही हर 3 किलोमीटर की दूरी पर एक गुरूकुल की स्थापना हो, भव्यता व दिव्यता का संगम हो, बाहरी से ज़्यादा भीतरी प्रयास हो, सब आयें और सब जुड़ें, सब मिलकर काम करें, तभी भारत देश आदर्श बनेगा। इसी कारण से ये ‘यमुना संगम’ कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि गंदगी और बंदगी दोनों साथ-साथ नहीं चल सकती, इसलिए हम सभी के अंदर एक अच्छे संस्कार की आवश्यकता है। साथ ही उन्होंने प्लास्टिक मुक्त जीवन बनाने के लिए भी अपनी बात रखी। स्वामी जी के प्रमुख बिंदुओं में वृक्ष मंदिर और गुरूकुल, मेरी यमुना मेरा पेड़, जंगल नदी की मां, मां यमुना जी के किनारे हजारों रूद्राक्ष के पेड़ लगाने की इच्छा, मेरी नदियां, मेरी जिम्मेदारी, मेरा कचरा मेरी जिम्मेदारी, मन को शांति चाहिए तो यमुना के किनारे चलें, हरे भरे पेड़ लगाएं, नगर निगम और नगर पंचायतें सरकारों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलें। कार्यक्रम के अंत में स्वामी जी ने यह भी संबोधित किया कि यह सरकार संवेदनशील है, जो समय पर खनन और मननपूर्वक कार्य कर रही है। हम सरकार के समन्वय से ही मां यमुना जी को साफ कर सकेंगे। कार्यक्रम के अंत में सभी पत्रकारों को हार्दिक धन्यवाद प्रेषित करते हुए उनको सम्मानित भी किया गया और मां यमुना जी के जयघोषों से प्रेसवार्ता का समापन किया गया।
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