भारत मंडपम, नई दिल्ली में डॉ. प्रभु मिश्रा को ‘अटल विज्ञानवेत्ता शिखर सम्मान’ से किया गया अलंकृतस्टेम सेल एवं रीजनरेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में दीर्घायु और फर्टिलिटी प्रबंधन हेतु उल्लेखनीय योगदान को मिली राष्ट्रीय पहचान
नई दिल्ली। स्टेम सेल एवं रीजनरेटिव मेडिसिन के क्षेत्र में भारत को वैश्विक मानचित्र पर स्थापित करने वाले प्रतिष्ठित वैज्ञानिक, और शिक्षाविद् डॉ. प्रभु मिश्रा को ‘अटल विज्ञानवेत्ता शिखर पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया। यह सम्मान उन्हें माननीय मुख्यमंत्री, दिल्ली श्रीमती रेखा गुप्ता जी द्वारा भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित भव्य अटल सम्मान समारोह में प्रदान किया गया।
यह प्रतिष्ठित सम्मान डॉ. प्रभु मिश्रा को लॉन्गेविटी (दीर्घायु चिकित्सा), फर्टिलिटी मैनेजमेंट (प्रजनन क्षमता प्रबंधन) तथा स्टेम सेल व रीजनरेटिव मेडिसिन के वैज्ञानिक, प्रमाण-आधारित और नैतिक अनुप्रयोगों में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रदान किया गया। उनके शोध और क्लिनिकल इनोवेशन ने न केवल रोग उपचार, बल्कि स्वस्थ जीवनकाल (Healthspan) बढ़ाने और भविष्य की पीढ़ियों के स्वास्थ्य संरक्षण की दिशा में नई संभावनाएँ खोली हैं।
इस अवसर पर डॉ. प्रभु मिश्रा ने कहा कि यह सम्मान उनके लिए अत्यंत गौरव और विनम्रता का क्षण है। उन्होंने कहा,
“यह मान्यता मेरे संकल्प को और अधिक सुदृढ़ करती है कि उन्नत रीजनरेटिव थैरेपी, प्रमाण-आधारित लॉन्गेविटी प्रोटोकॉल और नवाचारी फर्टिलिटी समाधान भारत सहित वैश्विक स्तर पर अधिक से अधिक मरीजों, चिकित्सकों और संस्थानों तक पहुँच सकें।”
समारोह में देश के विभिन्न क्षेत्रों से आए वरिष्ठ नेता, नीति-निर्माता, वैज्ञानिक, विचारक और सामाजिक परिवर्तनकर्ता उपस्थित रहे, जो भारत के भविष्य को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभा रहे हैं। इस गरिमामयी उपस्थिति के बीच मिला यह सम्मान भारतीय विज्ञान और चिकित्सा जगत के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि माना जा रहा है।
डॉ. मिश्रा ने इस सम्मान को अपनी पूरी टीम, विद्यार्थियों, सहयोगियों और मार्गदर्शकों को समर्पित करते हुए कहा कि स्टेम सेल विज्ञान को समग्र लॉन्गेविटी और फर्टिलिटी केयर से जोड़ने की उनकी सोच को इन सभी ने निरंतर समर्थन और विश्वास दिया।
उन्होंने कहा कि उनकी यात्रा बेंच रिसर्च से लेकर बेडसाइड क्लिनिकल प्रोटोकॉल और मेडिकल एजुकेशन तक निरंतर जारी है, जिसका उद्देश्य रीजनरेटिव मेडिसिन को लोकतांत्रिक बनाना, लोगों का हेल्थस्पैन बढ़ाना और दंपतियों एवं व्यक्तियों को उनकी प्रजनन क्षमता को संरक्षित व पुनर्स्थापित करने में सहायता प्रदान करना है।
डॉ. प्रभु मिश्रा ने आगे बताया कि वे IASRM, StemGenn, ICRM और AgeHackr जैसे संस्थानों और प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से अपने कार्य को और व्यापक स्तर पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं, ताकि भारत सुरक्षित, नैतिक और प्रभावशाली रीजनरेटिव एवं लॉन्गेविटी मेडिसिन का वैश्विक केंद्र बन सके।
उन्होंने अटल सम्मान समारोह ट्रस्ट के आयोजक श्री भुवनेश सिंघल जी, चयन समिति के सम्माननीय सदस्यों — माननीय सांसद श्री मनोज तिवारी जी, पद्मश्री नलिनी-कमलनी जी, प्रसिद्ध गायक कुमार विशु जी, प्रेरणादायक वक्ता सोनू शर्मा जी तथा संपूर्ण आयोजन टीम के प्रति हृदय से आभार व्यक्त किया।
डॉ. मिश्रा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी जी के विचार — राष्ट्रसेवा, विज्ञान, नैतिकता और नवाचार — आज भी उन्हें प्रेरित करते हैं और जनकल्याण के माध्यम से इन आदर्शों को जीवन में उतारना ही इस सम्मान की सच्ची सार्थकता है।
अंत में उन्होंने इस गौरवपूर्ण उपलब्धि को अपने परिवार, सहयोगियों और सभी शुभचिंतकों को समर्पित करते हुए राष्ट्रसेवा और विज्ञान के क्षेत्र में निरंतर कार्य करने का संकल्प दोहराया।




