प्राप्त जानकारी के अनुसार, दिनांक 3 अक्टूबर 2025 की रात्रि में NH-47 इंदौर–अहमदाबाद हाईवे पर भोपावर चौकी के पास वन विभाग की टीम ने घेराबंदी कर यात्री बस को रोका। सघन जांच के दौरान बस की डिक्की से हरी नेट से ढके एक छोटे पिंजरे में 135 जंगली तोते पाए गए। ये तोते चार अलग-अलग प्रजातियों — Alexandrine, Plum-headed, Grey-headed और Rose-ringed Parakeet — के थे, जिन्हें ठूंसकर निर्दयता से भरा गया था।
कई तोते दम घुटने से मृत पाए गए। जीवित तोतों का इलाज पशु चिकित्सक डॉ. दिलीप गामड़ की निगरानी में किया गया, जबकि मृत तोतों का पोस्टमॉर्टम कर उन्हें सुरक्षित रखा गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि पिंजरा भोपाल से रखा गया था और उन्हें अहमदाबाद (गुजरात) ले जाया जा रहा था। वन विभाग ने वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की विभिन्न धाराओं के अंतर्गत अपराध दर्ज कर दोनों संदिग्धों को माननीय न्यायालय सरदारपुर में पेश किया। रिमांड पर लेकर जांच जारी है। न्यायालय की अनुमति उपरांत सभी जीवित तोतों को घने जंगल में मुक्त कर दिया गया।
इस कार्रवाई में वनकर्मी विक्रम निनामा, जोगड़ सिंह जमरा, अनिल कटारे, मनीषपाल राठौर, अमित मालवीय, रमेश मेड़ा, मनीष पंवार, किशोर नागर, रफीक खान एवं शंकर का विशेष योगदान रहा।