इंदौर। कभी शादी, घरेलू जिम्मेदारियाँ या आर्थिक तंगी के कारण छूटी पढ़ाई… और अब वही महिलाएँ व किशोरियाँ फिर से किताबों और कक्षाओं से जुड़ रही हैं। मध्य प्रदेश के धार, बड़वानी, उज्जैन और खरगौन जिलों में एजुकेट गर्ल्स संस्था का ‘प्रगति कार्यक्रम’ हजारों महिलाओं को शिक्षा और सपनों का दूसरा अवसर दे रहा है।
इस कार्यक्रम के तहत संस्था ग्रामीण इलाकों में उन किशोरियों और महिलाओं को ओपन स्कूल की सुविधा दिला रही है, जिनकी पढ़ाई बीच में छूट गई थी। परिणाम यह है कि आज वे फिर से आत्मविश्वास के साथ 10वीं कक्षा की पढ़ाई पूरी करने की राह पर बढ़ रही हैं।
4,000 से अधिक महिलाएँ जुड़ीं शिक्षा की मुख्यधारा से
अब तक प्रदेश में 4,000 से अधिक महिलाओं और किशोरियों का नामांकन कर उन्हें माध्यमिक शिक्षा की ओर बढ़ाया गया है। इस वर्ष संस्था के कार्यकर्ता घर-घर और गाँव-गाँव जाकर महिलाओं को प्रोत्साहित कर रहे हैं, नामांकन प्रक्रिया समझा रहे हैं और ऑनलाइन आवेदन भरने में भी मदद कर रहे हैं।
244 शिक्षण कैम्प – गाँव-गाँव में नई रोशनी
केवल धार और बड़वानी जिलों में इस समय 244 शिक्षण कैम्प चल रहे हैं। इन कैम्पों में स्थानीय महिलाएँ ही "प्रेरक" बनकर अपनी ही जैसी महिलाओं का मार्गदर्शन कर रही हैं। यही वजह है कि ग्रामीण महिलाएँ सहज होकर पढ़ाई की ओर लौट रही हैं।
महिलाओं की शिक्षा – समाज में बदलाव की निशानी
परिवार और पीढ़ियों के लिए प्रेरणा
इन प्रयासों से न केवल महिलाओं को अपनी अधूरी पढ़ाई पूरी करने का अवसर मिल रहा है, बल्कि वे अपने बच्चों और परिवार के लिए भी प्रेरणा बन रही हैं। यह बदलाव धीरे-धीरे गाँव के सामाजिक ढाँचे को भी प्रभावित कर रहा है, जहाँ अब शिक्षा को लड़कियों का अधिकार माना जाने लगा है।