धर्मसभा में मुख्य वक्ता नागर ने कहा- मतांतरण करवाने वालो को कावड़ यात्रा ने दिखा दिया हिंदू हम सब एक हैं
राजगढ़ (धार)। श्रावण माह के तीसरे सोमवार 28 जुलाई को मां माही शबरी कावड़ यात्रा का ऐतिहासिक आयोजन संपन्न हुआ। यात्रा में 116 गांव के 10 हजार से अधिक कावड़ यात्री शामिल हुए। गगन भेदी जयघोष के साथ निकली कावड़ यात्रा में आस्था, उमंग और सामाजिक समरसता का अद्भुत नजारा देखने को मिला। कावड़ यात्रा का जगह-जगह विभिन्न धार्मिक, सामाजिक व राजनीतिक संस्थाओं द्वारा स्वागत कर अल्पहार करवाया गया।
सोमवार प्रातः करीब 9 बजे 116 गांवो के ग्रामीण प्राचीन नरसिंह देवला धाम पहुंचे। यहां पवित्र मां माही का जलभकर कावड़ यात्रा प्रारंभ हुई। यात्रा नरसिह देवला धाम से भानगढ़ रोड़ से राजगढ़, राजगढ़ से माही तट सरदारपुर होते हुए यात्रा झिरणेश्वर महादेव धाम पहुंची। जहां कावड़ यात्रियों ने भगवान झिरणेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया।
राजगढ़ में हुआ धर्मसभा का आयोजन -
डीजे की धुन पर कावड़ यात्री नाचते झूमते हुए निकले। यात्रा के राजगढ़ पहुँचने पर कृषि उपज मंडी प्रांगण में धर्मसभा का आयोजन हुआ। धर्मसभा में श्री श्री 1008 महंत डॉ. नरसिंह दास जी महाराज, मुख्य व्यक्ता रुपसिंह नागर मालवा प्रांत जनजाति कार्य प्रमुख तथा यात्रा संयोजक लोकेंद्र जाट बोदली मंचासीन रहें। कावड़ यात्रा को सम्बोधित करते हुए महंत डॉ. नरसिंहदास जी महाराज ने कहा कि कावड़ हमारे कंधे पर है यानी हमारे मां बाप हमारे कंधे पर हैं। हमें हमारे परिवार के साथ मिलकर रहना ही हमारी संस्कृति हैं। वही मुख्य वक्ता रूपसिंह नागर ने कावड़ यात्रियों को संबोधित करते हुए कहा कि सारे भेदों को कावड़ यात्रा ने मिटा दिया हैं। जो लोग हमें जाती के नाम पर बाट कर धर्मांतरण करवाने का काम करते हैं, उन्हें इस वृहर मां माही शबरी कावड़ यात्रा ने दिखा दिया हैं कि हम सब हिन्दू एक हैं। मतांतरण करवाने वाली ताकते कितना भी जोर लगा ले पर हमें अपने धर्म, अपनी परम्पराओं और अपनी संस्कृति को नहीं छोड़ना हैं। उन्होंने कावड़ यात्रा में शामिल हजारों मातृशक्तियो से आवाह्न किया कि अपने बच्चों को अच्छे संस्कार दे ताकि वे किसी के बहकावे में ना आए और धर्म ध्वजा थामते हुए अपनी सनातन संस्कृति का नेतृत्व करें।
बारिश होने के बावजूद भी पहुँचे कावड़ यात्री -
सोमवार सुबह हुई बारिश के बाद भी कावड़ यात्रा को लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में जबरजस्त उत्साह देखा गया। ग्रामीण क्षेत्र से चार पहिया वाहनों से ग्रामीण नरसिह देवला पहुंचे तथा कावड़ उठाकर झिरणेश्वर धाम तक पहुंचे। कावड़ यात्रा के स्वागत के लिए विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संस्थाओ ने जगह-जगह स्वागत कर जल, फल व खिचड़ी की व्यवस्था की। वही यात्रा के समापन पर झिरणेश्वर धाम में हिंदू समाज के सहयोग से भोजन प्रसादी का आयोजन हुआ। जिसमें प्रत्येक कावड़ यात्री ने भोजन प्रसादी ग्रहण की।