BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

देश को सनातन राष्ट्र घोषित किए बिना, हिन्दू संस्कृति की रक्षा संभव नहीं - पूर्णगुरु श्री करौली शंकर महादेव


स्वयं के संकल्प व प्रार्थना/वैदिक अनुष्ठान से नष्ट हुए भक्तों के रोग और कष्ट: पटना में पूर्ण गुरु का आगमन


कहा कि औरंगजेब और बाबर की औलादें इस देश को स्वीकार नहीं, जिन्हें मानव धर्म पर विश्वास हो, वही इस देश में रहने के अधिकारी हैं। राष्ट्र की अस्मिता से छेड़छाड़ करने वाले आतंकी और औरंगजेबी मानसिकता में जीने वाले लोग, हिंदू संस्कृति को नष्ट या भ्रष्ट करने के सपने अपने दिमाग में रखने वाले लोग, अपनी जगह तलाश लें। यहां हिंदू संस्कृति ही हमारी पहचान है। अगर हिंदू संस्कृति नहीं, तो हिंदू भी नहीं बचेगा। हमारा ध्येय वसुधैव कुटुंबकम् है, लेकिन हिंदू संस्कृति की सीमा के अंदर, क्योंकि हिंदू संस्कृति मानव धर्म पर ही आधारित है।


सभी ने संकल्प लिया कि ना तो बंटना है और न ही कटना है। हम सनातनी हैं, इसलिए इस देश को सनातन राष्ट्र घोषित कर देना चाहिए, ताकि सनातन का सम्मान करने वाले, अर्थात हिंदू संस्कृति को मानने वाले हिंदू, अपने देश में सुरक्षित रह सकें। यदि हमारी हिंदू संस्कृति मजबूत होगी, तो फिर इस देश में कोई औरंगजेब और बाबर दोबारा से अपना सिर उठाने की हिम्मत नहीं करेगा। हमें अपनी जान देकर भी सभी बहन-बेटियों के सम्मान की रक्षा करनी है और जिन्होंने इस हिंदुस्तान और हिंदू संस्कृति की रक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए, उनके सपनों को पूरा करना है। हमें एक नया भारत बनाना है, जहां सभी सुखी हों, समृद्ध हों, सुरक्षित हों और संपन्न हों।


पटना में आध्यात्मिक घटना: भक्तों ने अनुभव किया रोग और कष्टों से मुक्ति


पटना, बिहार। गर्दनीबाग स्टेडियम में शनिवार को एक अनूठी आध्यात्मिक घटना घटी, जहां हज़ारों भक्तों ने अपने कष्टों एवं रोगों से मुक्ति का अनुभव किया। मिश्री मठ, हरिद्वार के तृतीय मठाधिपति पूर्ण गुरु श्री करौली शंकर महादेव जी के ध्यान-साधना, अनुष्ठान, प्रवचन और संकल्प/प्रार्थना सभा में बिहार प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों से आए श्रद्धालु बड़ी संख्या में उपस्थित रहे।


पूर्ण गुरु ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि रोगमुक्त, शोकमुक्त, नशामुक्त, भयमुक्त और भ्रममुक्त मानव ही वास्तविक रूप से उन्नति कर सकता है। उन्होंने बताया कि श्रद्धा, आस्था और विश्वास के साथ की गई प्रार्थना एवं संकल्प मनुष्य के लिए सबसे बड़ी शक्ति है, जिससे न केवल स्वयं का बल्कि दूसरों का भी कल्याण संभव है। उन्होंने यह भी कहा कि अपने भूतकाल और पितरों की स्मृतियों से मुक्ति के बिना, मानव चाहे कितना भी धनवान और पदवान हो, लेकिन वह शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक रूप से पूर्ण विकसित नहीं हो सकता। इसलिए, इन क्षेत्रों में प्रगति के लिए सर्वप्रथम अपने पितरों की मुक्ति एवं भूतकाल की स्मृतियों से मुक्ति अत्यंत आवश्यक है।


भक्तों ने किया शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक कष्टों से मुक्ति का अनुभव


सभा में शामिल भक्तों ने जब पूर्ण गुरु के मार्गदर्शन में वैदिक अनुष्ठान करते हुए दिव्य हवन में भाग लिया और शिव शक्ति के भजनों का आनंद लिया, ध्यान-साधना की, तत्पश्चात सभी ने स्वयं महसूस किया कि उनके शरीर एवं मन के कष्ट पूरी तरह से नष्ट हो चुके हैं। सभी ने उठ-बैठकर, चलकर अनुभव किया कि शरीर के जोड़-जोड़ का दर्द, घुटनों का दर्द, कमर दर्द, सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस, माइग्रेन, पेट दर्द, रीढ़ की हड्डी के कष्ट, परिवार से नफरत एवं घृणा के भाव, तलाक लेने के विचार, नकारात्मकता, अनावश्यक कामुकता, हत्या व आत्महत्या के विचार, विवाह न करने की इच्छा, आत्मविश्वास की कमी, कार्य में अरुचि और आलस्य जैसी समस्याएं पूरी तरह समाप्त हो गई हैं। सभी लोग पूर्ण आत्मविश्वास और सकारात्मकता से भर गए। इस अनुभूति से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया और लोग आस्था, श्रद्धा एवं विश्वास से भर उठे। भक्तों के करौली शंकर महादेव की जय और पूर्ण गुरु की जय के उद्घोष से पूरा स्टेडियम गूंज उठा।


बच्चों में मोबाइल की लत से मुक्ति का संकल्प


सभा में उपस्थित छोटे बच्चों ने भी अपनी एक समस्या साझा की—मोबाइल की लत। पूर्ण गुरु ने संकल्प विधि द्वारा उनके मन से मोबाइल देखने की अनावश्यक इच्छा को समाप्त कर दिया। इसके बाद बच्चों ने बताया कि अब उनकी पढ़ाई में अधिक रुचि बढ़ गई है, उनका ध्यान पहले से अधिक एकाग्र हो गया है और अनावश्यक रूप से मोबाइल देखने की इच्छा समाप्त हो गई है।


पूर्ण गुरु ने संकल्प एवं प्रार्थना के माध्यम से नशे की लत से छुटकारा दिलाया


नशे की लत से छुटकारा पाने के इच्छुक सैकड़ों लोगों को नशा छोड़ने का संकल्प दिलाया गया। सभी ने प्रत्यक्ष अनुभव किया कि उन्हें नशीले पदार्थों के अनावश्यक सेवन से पूरी तरह छुटकारा मिल चुका है और उनके भीतर नशे के प्रति गहरी घृणा उत्पन्न हो गई है। सभी ने आजीवन किसी भी प्रकार का नशा न करने का संकल्प लिया।


वैदिक प्रक्रिया से उत्पन्न आध्यात्मिक ऊर्जा से जीवन में बदलाव संभव


पूर्ण गुरु के अनुसार, प्रार्थना, संकल्प और वैदिक प्रक्रिया ही जीवन को सकारात्मक दिशा में ले जाने के सशक्त माध्यम हैं। यदि मनुष्य अपनी आस्था, विश्वास और श्रद्धा के साथ इस विधि को अपनाए, तो वह अपने जीवन से हर प्रकार की नकारात्मकता को समाप्त कर सकता है और सकारात्मकता के साथ पूरे परिवार एवं समाज के चतुर्मुखी विकास में सहायक बन सकता है।


गर्दनीबाग स्टेडियम में हुई इस दिव्य संकल्प/प्रार्थना सभा ने हज़ारों लोगों को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया और यह संदेश दिया कि हम करौली शंकर महादेव (Karauli Shankar Mahadev) दरबार की सकारात्मक ऊर्जा से जुड़कर, अपनी आस्था, विश्वास और श्रद्धा के बल पर, अपनी ही प्रार्थना, संकल्प, ध्यान-साधना तथा भजन आदि के द्वारा स्वयं को शारीरिक, मानसिक एवं आध्यात्मिक रूप से स्वस्थ रख सकते हैं और आर्थिक, सामाजिक एवं पारिवारिक संकटों का समाधान स्वयं कर सकते हैं।


सभा में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि बिहार के प्रत्येक जिले में प्रार्थना सभाएं आयोजित करके, बिना किसी सामाजिक एवं आर्थिक भेदभाव के, संपूर्ण जनमानस को भजन, ध्यान-साधना व स्वयं की प्रार्थना से रोगमुक्त, शोकमुक्त, भयमुक्त, भ्रममुक्त और नशामुक्त किया जाएगा।



« PREV
NEXT »