नई पीढ़ी के कलाकार भारतीय सिनेमा में तेजी से अपनी पहचान बना रहे हैं, और इसका ताजा उदाहरण है 29 वर्षीय त्रिप्ती डिमरी। IMDb की 2024 की सूची में त्रिप्ती ने शाहरुख खान, दीपिका पादुकोण और आलिया भट्ट जैसे दिग्गजों को पीछे छोड़ते हुए पहला स्थान हासिल किया है।
त्रिप्ती डिमरी: नई ऊंचाइयों की ओर
त्रिप्ती डिमरी ने लैला मजनू (2018), बुलबुल (2020), एनिमल और भूल भुलैया 3 (2024) जैसी फिल्मों में अपनी बेहतरीन अदाकारी से दर्शकों का दिल जीता है। IMDb की रैंकिंग, जो दुनिया भर के 250 मिलियन से अधिक मासिक विजिटर्स के पेज व्यूज पर आधारित होती है, उनके बढ़ते फैनबेस को दर्शाती है।
इशान खट्टर और शर्वरी का दबदबा
त्रिप्ती के अलावा, 29 वर्षीय इशान खट्टर ने भी IMDb की सूची में तीसरा स्थान प्राप्त किया। बियॉन्ड द क्लाउड्स (2017) और अ सूटेबल बॉय (2020) जैसे प्रोजेक्ट्स के बाद, उन्होंने नेटफ्लिक्स की अंतरराष्ट्रीय सीरीज द परफेक्ट कपल में निकोल किडमैन के साथ काम करके अपनी लोकप्रियता को और बढ़ाया है।
वहीं, शर्वरी ने मुँज्या, महाराज और वेदा़ जैसी हिट फिल्मों के साथ IMDb की शीर्ष 10 सूची में जगह बनाई।
IMDb रैंकिंग: स्टारडम का नया पैमाना
IMDb, जो 1998 से अमेज़न का हिस्सा है, हर साल अपनी STARmeter रैंकिंग जारी करता है। इसमें पेज व्यूज के आधार पर सितारों की लोकप्रियता का मापन किया जाता है। IMDb इंडिया की प्रमुख यामिनी पटोदिया कहती हैं, "IMDb पेज व्यूज के आधार पर भारतीय सितारों की लोकप्रियता को मापता है। यह रैंकिंग भारतीय मनोरंजन उद्योग में उभरते ट्रेंड्स को दर्शाती है।"
सिनेमा की बदलती परिभाषा
2024 की सूची 2022 और 2023 की सूची से बिल्कुल अलग है। जहां शाहरुख खान और धनुष जैसे सितारे पहले शीर्ष स्थान पर थे, वहीं इस साल त्रिप्ती और इशान जैसे युवा सितारों ने बाजी मारी है।
क्षेत्रीय सिनेमा का बढ़ता प्रभाव
पिछले कुछ वर्षों में आरआरआर और कांतारा जैसी पैन-इंडिया फिल्मों ने क्षेत्रीय सिनेमा को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नई पहचान दी है। त्रिप्ती और इशान जैसे कलाकारों की सफलता इसका सबूत है कि भारतीय सिनेमा अब केवल क्षेत्रीय सीमाओं तक सीमित नहीं है।
IMDb की 2024 रैंकिंग में त्रिप्ती डिमरी का शीर्ष स्थान केवल उनकी व्यक्तिगत सफलता नहीं है, बल्कि यह भारतीय सिनेमा के बदलते चेहरे को भी दर्शाता है। नए और प्रतिभाशाली कलाकार दर्शकों के दिलों पर राज कर रहे हैं।
भारतीय सिनेमा का भविष्य अब और भी उज्जवल दिख रहा है, जहां प्रतिभा और कड़ी मेहनत को प्राथमिकता दी जा रही है।