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कैप्री के तहखाने में मिला 5 मिलियन पाउंड का पिकासो पेंटिंग: कबाड़ व्यापारी की अनमोल खोज

कला की दुनिया में अक्सर आश्चर्यजनक घटनाएँ सामने आती हैं। मशहूर कलाकारों की रचनाएं अक्सर संग्रहालयों और निजी संग्रहों में सजी होती हैं, पर कभी-कभी कुछ अनमोल कृतियाँ वर्षों तक छिपी रहती हैं, जब तक कि कोई उन्हें पहचान न ले। ऐसा ही एक अविश्वसनीय वाकया सामने आया जब एक साधारण कबाड़ व्यापारी ने कैप्री के तहखाने से पाब्लो पिकासो की असली पेंटिंग खोजी। इस पेंटिंग की कीमत आज £5 मिलियन (लगभग 55 करोड़ रुपये) आंकी गई है।

कैप्री के तहखाने में छिपा खजाना

यह कहानी 1962 में शुरू होती है, जब कैप्री में रहने वाले कबाड़ी, लुइगी लो रोसो, को एक तहखाने में एक पेंटिंग मिली। कैप्री, जो अपनी खूबसूरत नज़ारों और रिसॉर्ट्स के लिए जाना जाता है, शायद ही कला के छिपे हुए खजानों का स्थान माना जाता है। लेकिन लुइगी के लिए यह पेंटिंग केवल एक और वस्तु थी जिसे वह अपने साथ ले गए। उस समय, उन्हें न तो पिकासो के बारे में कुछ पता था और न ही इस पेंटिंग के मूल्य का अंदाज़ा था।


लुइगी ने पेंटिंग को अपने घर पोम्पेई में लटका दिया, लेकिन उनकी पत्नी को यह बिल्कुल पसंद नहीं आई। विकृत चेहरों वाली यह पेंटिंग उनकी पत्नी को "भद्दी" लगती थी और उन्होंने कई बार इसे फेंकने की बात भी की। लेकिन पेंटिंग वहीं लटकी रही, दशकों तक बिना किसी पहचान के।

एंड्रिया लो रोसो की जिज्ञासा

लुइगी भले ही पेंटिंग की अहमियत न समझ सके हों, लेकिन उनके बेटे, एंड्रिया लो रोसो ने इसमें कुछ खास देखा। समय के साथ, एंड्रिया ने कला के इतिहास में दिलचस्पी ली और उन्हें यह शक हुआ कि यह पेंटिंग पिकासो की हो सकती है। इसके बाएं कोने में एक हस्ताक्षर था जो उन्हें पिकासो की कृतियों जैसा लग रहा था। उन्होंने इस पर गहरी छानबीन शुरू की।


जब उनके पिता पेंटिंग के बारे में गंभीर नहीं थे, एंड्रिया ने पिकासो और उनकी कला शैली पर शोध करना जारी रखा। इस जिज्ञासा ने उन्हें कई विशेषज्ञों तक पहुंचाया जो पेंटिंग की प्रामाणिकता की पुष्टि कर सकते थे।

प्रामाणिकता की पुष्टि

किसी बड़े कलाकार की पेंटिंग को प्रमाणित करना एक जटिल प्रक्रिया होती है, जिसमें कई विशेषज्ञों की मदद ली जाती है। एंड्रिया ने आर्ट डिटेक्टिव मौरिज़ियो सेरासिनी और ग्राफोलॉजिस्ट सिंज़िया अल्टीएरी की मदद ली। सेरासिनी, जो कलाकृतियों की प्रामाणिकता की जांच के लिए वैज्ञानिक विधियों का उपयोग करते हैं, ने इस मामले को देखा।


ग्राफोलॉजिस्ट सिंज़िया अल्टीएरी ने हस्ताक्षर का महीनों तक अध्ययन किया और इसे पिकासो की अन्य कृतियों से तुलना की। उन्होंने पुष्टि की कि यह हस्ताक्षर असली है। इसके अलावा, पेंटिंग का विकृत कला रूप पिकासो की प्रसिद्ध क्यूबिज़्म शैली से मेल खाता था, जो उनके कला कार्यों की एक पहचान है।


"मैंने पेंटिंग के हस्ताक्षर की महीनों तक जांच की और इसे पिकासो की मूल रचनाओं से तुलना की। इसमें कोई शक नहीं कि यह हस्ताक्षर असली हैं," अल्टीएरी ने *द गार्डियन* को बताया। इस पुष्टि ने एंड्रिया की वर्षों पुरानी जिज्ञासा को सच साबित किया।

डोरा मार की पेंटिंग

विशेषज्ञों का मानना है कि यह पेंटिंग डोरा मार की है, जो पिकासो की प्रेमिका और म्यूज़ थीं। डोरा मार एक फ्रांसीसी फोटोग्राफर और चित्रकार थीं, जिन्होंने पिकासो को कई कृतियों के लिए प्रेरित किया। पिकासो ने अक्सर मार को विकृत रूप में चित्रित किया, जो उनकी क्यूबिस्ट शैली का एक प्रमुख हिस्सा था। 


इस पेंटिंग की अनुमानित तिथि 1930 और 1936 के बीच की है, जो पिकासो और डोरा मार के रिश्ते के समय की है।

शुरुआती अस्वीकृति और वर्तमान स्थिति

हालांकि विशेषज्ञों ने इस पेंटिंग की प्रामाणिकता की पुष्टि कर दी है, लेकिन शुरुआत में, पिकासो फाउंडेशन ने इसे गलत बताया था। पर एंड्रिया के प्रयासों और विशेषज्ञों के समर्थन से यह पेंटिंग अब सुरक्षित रूप से मिलान के एक वॉल्ट में रखी गई है, और इसकी कीमत £5 मिलियन आंकी गई है।


पिकासो का कैप्री के साथ संबंध भी इस खोज को और प्रामाणिक बनाता है, क्योंकि उन्होंने इस द्वीप का कई बार दौरा किया था। यह कहानी एक बार फिर यह साबित करती है कि कला के खजाने कभी भी और कहीं भी छिपे हो सकते हैं।


लुइगी लो रोसो की अनजानी खोज और एंड्रिया की सत्यापन की यात्रा केवल एक कला की कहानी नहीं है, बल्कि यह जिज्ञासा, धैर्य, और पारिवारिक धरोहर की कहानी भी है। वर्षों तक यह पेंटिंग पोम्पेई के एक साधारण घर में बिना किसी पहचान के लटकी रही। आज यह एक कीमती कृति के रूप में सामने आई है, जो यह साबित करती है कि अनमोल चीज़ें कभी-कभी सबसे साधारण स्थानों में भी छिपी हो सकती हैं।

Image source: Theguardian x Thetrendingpeople

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