भोपाल : नागपंचमी के अवसर पर सांपों के प्रदर्शन और उनके साथ दुर्व्यवहार को रोकने के लिए मध्यप्रदेश के वन विभाग ने सख्त कदम उठाए हैं। प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) एवं मुख्य वन्यप्राणी अभिरक्षक कार्यालय द्वारा जारी निर्देशों में समस्त वन वृत्त, टाइगर रिज़र्व, राष्ट्रीय उद्यान और वन्यप्राणी वनमंडलों के अधिकारियों को कड़े निर्देश दिए गए हैं।
सांपों के संरक्षण के लिए सख्त कार्रवाई
हर साल नागपंचमी के अवसर पर सांपों को पकड़कर और सार्वजनिक स्थलों पर उनका प्रदर्शन करने की घटनाएं सामने आती हैं। इस प्रक्रिया में सांपों के साथ दुर्व्यवहार होता है, जिससे उनकी मृत्यु भी हो जाती है। वन्यप्राणी (संरक्षण) अधिनियम, 1972 और पशु क्रूरता अधिनियम, 1960 के तहत यह एक दण्डनीय अपराध है। इसे ध्यान में रखते हुए प्रधान मुख्य वन संरक्षक शुभरंजन सेन ने अधिकारियों को इस प्रकार के प्रदर्शन को रोकने के लिए कड़े निर्देश जारी किए हैं।
व्यापक प्रचार-प्रसार और पुलिस सहयोग की अपील
वन विभाग ने अपने अधिकारियों को निर्देशित किया है कि वे अपने कार्यक्षेत्रों में नागपंचमी के दौरान सांपों को पकड़ने और उनके प्रदर्शन को रोकने के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही, अगर कोई व्यक्ति सांपों का प्रदर्शन करते हुए पाया जाता है, तो उसके खिलाफ सख्त वैधानिक कार्रवाई की जाए। इस कार्य में पुलिस विभाग से भी सहयोग प्राप्त करने की अपील की गई है।
पिछले निर्देशों की याद दिलाई
इस संबंध में पूर्व में भी निर्देश जारी किए जा चुके हैं, लेकिन नागपंचमी के त्योहार को ध्यान में रखते हुए पुनः कड़े निर्देश जारी किए गए हैं। 09 अगस्त 2024 को नागपंचमी का पर्व मनाया जाएगा, और वन विभाग ने सुनिश्चित किया है कि सांपों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को रोका जाए।
वन विभाग की सख्त हिदायत
वन विभाग ने पुलिस महानिरीक्षक को भी इस पत्र की प्रतिलिपि भेजी है, जिसमें उनसे अपने अधीनस्थ पुलिस अधीक्षकों को वन विभाग को सहयोग प्रदान करने हेतु निर्देशित करने का अनुरोध किया गया है।
इन कड़े निर्देशों और सहयोगी प्रयासों से उम्मीद की जाती है कि नागपंचमी के दौरान सांपों के साथ होने वाले दुर्व्यवहार को प्रभावी रूप से रोका जा सकेगा और इस धार्मिक पर्व को सुरक्षित और सांपों के लिए हानिरहित बनाया जा सकेगा।