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श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ में प्रभु श्री नेमीनाथ भगवान का जन्मोत्सव मनाया

 



  राजगढ़ / धार । श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढ़ी (ट्रस्ट) श्री मोहनखेडा तीर्थ के तत्वाधान में गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के पट्टांलकार वर्तमान गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय हितेशचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के आज्ञानुवर्ती मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सुमंगलाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री रश्मिरेखाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री किर्तीवर्धनाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा गुरु ऋषभ समर्पण चातुर्मास के दौरान 200 आराधक चातुर्मास की आराधना कर रहे है।

   आज शुक्रवार को 22 वें तीर्थंकर श्री गिरनार मण्डन प्रभु श्री नेमीनाथ भगवान का जन्म महोत्सव एवं दीक्षा महोत्सव बड़े ही धुमधाम के साथ श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ पर मनाया गया। साध्वी श्री हर्षवर्धनाश्रीजी म. सा. ने प्रतिदिन चल रहे "शांत सुधारस" ग्रंथ एवं अमरकुमार सुर सुन्दरी चरित्र पर विस्तृत प्रवचन प्रदान किये । साध्वी श्री ने प्रभु श्री नेमीनाथ भगवान के नव भवों के बारे में सभी आराधकों को प्रवचन के माध्यम से विस्तृत जानकारी दी । आराधकों ने उपवास, एकासना, आयंबिल की तपस्या करते हुए प्रभु श्री नेमीनाथ भगवान का तप के माध्यम से जन्मोत्सव व दीक्षा महोत्सव मनाया गया। दोपहर में मुनिराज श्री जीतचन्द्रविजयजी म.सा. आदि श्रमणी मण्डल की निश्रा में प्रभु श्री नेमीनाथ भगवान की प्रतिमा पर पंचामृत, चंदन, पुष्प, इत्र, सर्वोषधि, गुलाब जल, स्वर्ण औषधि, केसर व जलाभिषेक के साथ प्रभु के 9 महत्वपूर्ण अभिषेक के साथ आराधकों ने 108 अभिषेक किये । अभिषेक के पश्चात् गुलाब के पुष्पों से प्रभु प्रतिमा पर पुष्प वृष्टि की गई ।

   तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ ने कहा कि 11 अगस्त से 19 अगस्त तक नवकार महामंत्र की भव्य आराधना श्री मोहनखेड़ा तीर्थ पर चातुर्मास के दौरान प्रारम्भ हो रही है। श्री सेठ ने सभी आराधकों से अनुरोध किया है कि अधिक से अधिक संख्या में नवकार महामंत्र की आराधना में अपना नाम दर्ज करवाकर नवकार महामंत्र की आराधना करके पुण्योपार्जन करें। 11 अगस्त को प्रातः 9 बजे नवकार महामंत्र के रजत पट की स्थापना मुनि भगवन्त एवं साध्वीवृंदों की निश्रा में होगी। सभी आराधक इस आराधना का अधिक से अधिक लाभ उठाये ।

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