BREAKING NEWS
latest
Times of Malwa Digital Services
Promote your brand with positive, impactful stories. No accusations, no crime news—only inspiring and constructive content through Google Articles.
📞 9893711820   |   📧 akshayindianews@gmail.com

"भगवानजीभाई रूपापरा का अनूठा योगदान: 20 लाख रुपये में निर्मित आलीशान पक्षीघर,10 हजार पक्षियों के लिए सुरक्षित आश्रय"



  स्टोरी। पूरी दुनिया में कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जो पर्यावरण और पक्षियों के संरक्षण के लिए अपनी जिंदगी भी कुर्बान कर देते हैं और उनके एक सही कदम के जरिये जो प्रभाव पैदा होता है उसे पूरी दुनिया देखती हैं। 

  आज हम बात करने वाले हैं गुजरात के Rajkot जिले के Jetpur तेहसिल मे बसे एक छोटे से गांव Navi Sankdi की। ये छोटा सा गांव अपनी खूबसूरती से तो पहचाना जाता है लेकिन उस गांव में एक ऐसी भी चीज है जो बहुत कम देखने को मिलती है। नवी सांकली गांव के रहने वाले "भगवानजीभाई मोहनभाई रूपापरा" ने पक्षियों के लिए आलीशान पक्षी घर बनाया है और कई दूरी से लोग स्पेशल इस पक्षीघर को देखने के लिए भी आते हैं।

  जूनागढ़ के रहने वाले Young Environmentalist Alfez Bhatti ने जब ये आलीशान पक्षीघर बनाने वाले भगवानजीभाई से मुलाकात की और पूछा कि ये पक्षीघर बनाने का आपका आइडिया कहां से आया? तब भगवानजीभाई ने बोला कि मैं किसान हूँ और मेरे खेत में एक कुआँ है तो उस कुवें के भीतर कई सारे पक्षी घोंसला बना कर रहते हैं। तो उनको ठंडी के मौसम और गर्मी के मौसम में कोई दिक्कत नहीं होती पर जब मानसून में पूरा कुआं भर जाता है तब पक्षियों को बहुत सारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है तो इसी चीज को लेकर मुझे आइडिया आया कि एक ऐसा पक्षीघर बनाऊंगा जहां पर हजारों की संख्या है  मैं पक्षी रह सके और उनको दाना पानी भी मिलता रहै।

  इस पक्षीघर की बात करें तो इसको बनाने की शुरुआत 19/11/2020 से 19/01/2022 तक हुई। इस पक्षीघर को बनाने में तकरीबन 1 साल और 2 महीने जितना टाइम लगा है यह पक्षीघर 140 फीट लंबा, 70 फीट चौड़ा और 40 फीट ऊंचा है। इस आलीशान पक्षीघर की डिजाइन खुद Bhagvanjibhai Rupapara ने तैयार की है। और इसमे 2500 जितने मटकों (घड़ा) का उपयोग किया गया है जिसके ज़रिये पक्षियो को अंदर अच्छा वातावरण मिल पाये और इस सारे मटकों के अंदर 2-2 छेद बने हुवे हैं ताकि अगर बारिश का ज़रा सा भी पानी इसके अंदर आये तो आसनी से निकल सकता हैं। 

  भगवानजीभाई रूपापरा सुबह मैं आकर पक्षिओं को दाना डालते हैं और उन्हें इस पक्षीघर के नीचे एक मंदिर भी बनाया हैं जिसकी पूजा भी करते हैं। साथ ही पक्षियो को पानी पीने के लिए और नहाने के लिए अलग अलग पानी के कुंड भी बनाए हुए हैं और ये पक्षिघर लोहे के नहीं बल्कि गैल्वेनाइज्ड पाइप से बनाया हुआ है ताकि शॉर्ट सर्किट ना लग सके और पक्षियो को ज़रा सा भी दिक्कत ना हो।

  इस आलीशान पक्षीघर बनाने मैं 20 लाख से भी ज्यादा का खर्चा हुआ है पर भगवानजीभाई ने किसी से भी एक रुपया तक का फंड नहीं लिया है और उनके खेत से जो फसल बिकती है उनमें से जो पैसा आता है वही पैसा बचा कर उन्हें ये पक्षीघर बनाया है. इस पक्षीघर को देखने के बाद दूसरे लोगों ने भी प्रेरणा लेकर दूसरी जगह पर एसे पक्षीघर बनवाये हैं। इस काम को देख कर कई सारे संगठनों ने भगवानजीभाई को कई सारे सर्टिफिकेट से भी सम्मानित किया है और यूनिवर्सल अमेजिंग विश्व रिकॉर्ड द्वार इन्हे "Largest Birdhouse" के शीर्ष के साथ "विश्व रिकॉर्ड" भी प्रदान किया गया है।

« PREV
NEXT »