बिहार की सियासत में पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा सांप-सीढ़ी का सियासी खेल अब अंजाम तक पहुंचता नजर आ रहा है. नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच गठबंधन पर बात फाइनल हो चुकी है. नीतीश कुमार ही नई सरकार के मुख्यमंत्री होंगे. बिहार बीजेपी सम्राट चैधरी को विधायक दल का नेता चुना है.
नीतीश कुमार आज सुबह राजभवन पहुंचे और गवर्नर को सीएम पद से इस्तीफा सौंपा. आज शाम जेडीयू बीजेपी गठबंधन की एनडीए सरकार का शपथ ग्रहण होना प्रस्तावित है. नीतीश कुमार नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने जा रहे हैं. बिहार में करवट लेती सियासत और पटना में बढ़ी हलचल के बीच अब चर्चा इसे लेकर भी होने लगी है कि नीतीश कुमार का मन कब-कब बदला और कब वह आरजेडी के साथ गए, कब बीजेपी के साथ आए?
नीतीश कुमार पहले समता पार्टी, फिर जेडीयू के गठन के बाद से ही बीजेपी के साथ रहे. साल 2013 में बीजेपी ने प्रधानमंत्री पद के लिए गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को उम्मीदवार घोषित कर दिया और इसी को आधार बनाकर नीतीश ने साल 1996 से चला आ रहा गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया. तब 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में 117 सदस्यों के साथ जेडीयू सबसे बड़ी पार्टी थी. कांग्रेस के चार, चार निर्दलीय और सीपीआई के एक विधायक ने भी विश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग के दौरान नीतीश सरकार के पक्ष में मतदान किया था.