राजगढ़ (धार)। प. पू. पुण्यसम्राट राष्ट्रसंत श्रीमद्विजय जयन्तसेनसूरीश्वरजी म. सा. के पट्टधर गच्छाधिपति आचार्य भगवंत श्रीमद्विजय नित्यसेनसूरीश्वरजी म.सा एवं भाण्डवपुर तीर्थोद्धारक सूरिमंत्र आराधक आचार्यदेव श्रीमद्विजय जयरत्नसूरीश्वरजी म. सा. की आज्ञानुवर्ती साध्वीश्री स्नेहलताश्रीजी म.सा. की सुशिष्या साध्वी श्री तत्वलताश्रीजी म.सा. आदि ठाणा 4 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश नगर में हर्षोल्लासपूर्ण माहौल में हुआ।
उक्त जानकारी देते हुए चातुर्मास समिति अध्यक्ष श्री छोटेलाल मामा ने बताया कि प्रवेश चल समारोह प्रातः ९ बजे गाजे बाजे के साथ शिव वाटिका से प्रारम्भ हुआ, प्रवेश चल समारोह में समस्त महिला मंडल कलश एवं धर्मध्वज लेकर साध्वीजी का वधामना कर रही थी, चल समारोह नगर के मुख्य मार्गो से होता हुआ श्री राजेंद्र भवन पंहुचा । जहा पर श्रीसंघ की और से पूज्य साध्वीजी भगवन्तो की अगुवानी की गयी । पश्चात धर्मसभा का आयोजन हुआ जिसमे उपस्थित समस्त श्रावक श्राविका द्वारा साध्वीजी को गुरुवंदन किया, गुरुवन्दन क्रिया श्री संजय मामा द्वारा करवाई गयी। पश्चात स्वागत गीत श्रीमती रजनी मामा, श्रीमती राजश्री जैन एवं बहु परिषद् द्वारा प्रस्तुत किया गया ।
धर्मसभा को सम्बोधित करते हुए साध्वीजी ने कहा की जिस तरह से आप लोगो की दुकान पर सीजन आती है तो आप लोग पूरी तत्परता से सीजन में तन, मन से कार्य में लग जाते है, उसी प्रकार चातुर्मास भी धर्म, आराधना एवं तपश्या करने का सीजन है, इसलिए इस चातुर्मास में आप सभी तन, मन से धर्म कार्य में लगकर तप आराधना करे एवं अपने कर्मो का क्षय कर अपने इस मनुष्य जीवन को सफल बनाये ।
इस अवसर पर साध्वीजी म. सा. को काम्बली अर्पण की गयी, काम्बली अर्पण का लाभ श्री बाबुलालजी केशरीमलजी मामा परिवार तथा चातुर्मास कुंभ कलश स्थापना का लाभ श्री वरदीचंदजी जवरचंदजी छाजेड़ परिवार पारा, चातुर्मास अखंड ज्योत स्थापना का लाभ श्री राजेशकुमारजी सकलेचा परिवार उज्जैन व श्री दादा गुरुदेवश्री की आरती का लाभ श्री सुभाषचंदजी वालचंदजी कांकरिया परिवार पारा द्वारा लिया गया ।
प्रवेश में कुशलगढ़, करवड़, धार, मेघनगर, पारा, लाबरिया, रतलाम, उज्जैन, नागदा, झाबुआ, खवासा, कालीदेवी, धामन्दा, नागदा, सारंगी, टांडा, जावरा आदि अनेक श्रीसंघ सदस्य सम्मिलित हुए, जिनका बहुमान श्रीसंघ एवं चातुर्मास समिति द्वारा किया गया । चल समारोह पूर्व सकल जैन श्री संघ की नवकारशी का आयोजन किया गया, जिसका लाभ श्री चातुर्मास समिति द्वारा लिया गया । अंत में आभार चातुर्मास समिति सचिव श्री पारस कांकरिया द्वारा किया गया ।