राजगढ़ (धार)। बाल दिवस पर बच्चे के दादा-दादी ने एक निजी स्कूल में ऐसा नज़ारा दिखाया जो स्वयं दादा दादी के चेहरों पर मुस्कान ले आई। वैसे बाल दिवस पर बाल मेले व बच्चों के संग अनेको आयोजन स्कूलों में देखने को मिलते है लेकिन धार जिले के राजगढ़ में एटम इंटरनेशनल स्कूल में बच्चों के संग दादा दादी ने बाल दिवस मनाया गया।
आधुनिकता के इस अंधे दौर में बच्चे सजग,स्मार्ट और हाइटेक होते जा रहे लेकिन अपनी विरासत,सभ्यता व संस्कृति को भूलने लगे हैं।। समाज में बढ़ रहे एकल परिवार की अवधारणा के चलते बच्चों का बचपन गुम हो रहा है।। एकल परिवार के आदी हो चुके बच्चे दादा दादी, चाचा चाची, नाना नानी व मौसा मौसी जैसे रिश्तों से बस औपचारिकता ही निभाते हैं।ऐसी स्थिति में चाचा नेहरू के जन्म दिवस को बाल दिवस के रूप में मनाया जाना बच्चों के दिलो दिमाग में दादा दादी के प्रति अगाध स्नेह व प्रेम भाव को उभरकर देखने को मिला ।
बाल दिवस पर हुए इस आयोजन में स्कूल में आए उनके परिजन ने दौड़,डांस किया तो दादा-दादी उदबोधन से संस्था को बधाई देकर अच्छे आयोजन की सराहना की। बाल दिवस पर एक तरह से दादा दादी की सेहत पर एनर्जी आ देखने को मिली। "दिल तो बच्चा है जी"शब्द को सार्थक करते हुए दादा-दादी ने अपने बचपन को एक बार फिर ताज़ा किया और विविध प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर बाल दिवस को विशेष बना दिया।