राजगढ़ (धार)। श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे. पेढी ट्रस्ट श्री मोहनखेड़ा महातीर्थ के तत्वाधान में दादा गुरुदेव श्रीमद्विजय राजेन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. की पाट परम्परा के अष्ठम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्यदेवेश श्रीमद्विजय ऋषभचन्द्रसूरीश्वरजी म.सा. के शिष्यरत्न मुनिराज जीतचन्द्रविजयजी म.सा. एवं वरिष्ठ साध्वी श्री किरणप्रभाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री सद्गुणाश्रीजी म.सा., साध्वी श्री विमलयशाश्रीजी म.सा. आदि ठाणा की निश्रा में पर्युषण महापर्व के दौरान भगवान महावीरस्वामी का जन्म कल्याणक वाचन प्रसंग हुआ जिसमें भगवान महावीर की माता त्रिशला द्वारा देखे गये 14 दिव्य स्वप्न के चढावें बोले गये । धर्मसभा पाण्डाल में बैठे हुए श्रद्धालुआंे ने चढ़ावांे में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया । भगवान के मुनीमजी बनने का लाभ भीनमाल निवासी सूरेशकुमारजी भंवरजी जोगाणी परिवार ने लिया । चतुर्थ स्वप्न लक्ष्मीजी का लाभ भीनमाल निवासी सरेमल कपूरचंदजी कोठारी परिवार द्वारा लिया गया । प्रभु का पारणा झुलाने का लाभ वर्षाजी शुभमजी कांकरिया जोधपूर वालों द्वारा आनलाईन लिया गया । माता त्रिशला के चित्र पर स्वर्ण व पुष्प माला तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ द्वारा पहनाई गई प्रभु के जन्म की सुचना चैन्नई निवासी प्रकाशचंदजी मिठालालजी जैन झालर बजाकर समाजजनों को दी । प्रभु के पालने को मंदिरजी में ले जाकर विराजित कर रात्रि भक्ति करने का लाभ श्रीमती संगीताजी ओमप्रकाशजी संचेती जोधपूर वालों द्वारा लिया गया । जन्म के पश्चात् भगवान महावीरस्वामी व तीर्थ के मुलनायक प्रभु आदिनाथ भगवान की मुख्य आरती का लाभ बागरा निवासी अनिलकुमार शेषमलजी परिवार द्वारा लिया गया । दादा गुरुदेव की आरती मनोजकुमार सुन्दरलालजी डुंगरवाल परिवार द्वारा उतारी गई ।
इस अवसर पर तीर्थ के मेनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, ट्रस्टी शांतीलाल साकरिया, ट्रस्टी मेघराज जैन, वरिष्ठ समाजजन, ट्रस्ट के महाप्रबंधक अर्जुनप्रसाद मेहता, सहप्रबंधक प्रीतेश जैन एवं स्टाफगण उपस्थित थे ।