पालीताणा । दादा गुरुदेव की पाट परंपरा के षष्टम पट्टधर गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय हेमेंद्र सूरीश्वर जी म सा के शिष्य एवं गच्छाधिपति आचार्य देवेश श्रीमद्विजय ऋषभचंद्र सूरीश्वर जी म सा के आज्ञानुवर्ती मुनिराजश्री चन्द्रयश विजयजी म सा , मुनिराज श्री पुष्पेंद्र विजय जी म सा ,मुनिराज श्री रूपेंद्र विजयजी म सा मुनिराजश्री जिनभद्रविजयजी म सा एवं साध्वी श्री तत्वलोचना श्रीजी ,साध्वी श्री तत्वदर्शना श्री जी म सा ,साध्वी श्री रश्मि रेखा श्री जी आदि ठाणा म मंगलमय चातुर्मास प्रवेश साँचा सुमतिनाथ जिन मंदिर से प्रारम्भ हुआ ।
उक्त चातुर्मास सायला राज. निवासी श्रीमती सुमतिदेवी हेमराज जी कबदी परिवार,श्रीमती उमरी देवी नरेंद्रकुमार जी कबदी परिवार विजयवाड़ा द्वारा पालीताणा की सिद्ध भूमि पर 1100 से अधिक आराधकों के साथ पूरे धर्ममय वातावरण के साथ करवाया जा रहा है जिसकी शुरुआत 12 जुलाई के सूर्योदय से हो जाएगी।
चातुर्मास प्रवेश के अवसर पर सम्पूर्ण मारवाड़ , मालवांचल गुजरात सहित मुंबई आदि दूरस्थ स्थानों के 100 से अधिक श्री संघो की उपस्थिति रही । चातुर्मास वरघोड़ा सुबह 9 बजे प्रारम्भ हुआ जिसमें हाथी घोड़े बग्गी में पाटपरम्परा के आचार्य भगवन्तों के चित्र ,ऊंट कई नर्तक दल आदि थे । विशेष रूप से आचार्य नरेंद्र सूरीश्वरजी म सा एवं मुनिराज श्री जिनेन्द्र विजय जी म सा आदि मुनिभगवंतों का भी सानिध्य प्राप्त हुआ ।
लाभार्थी परिवार का राजेन्द्र भवन पर ट्रस्ट मंडल द्वारा बहुमान किया गया । लगभग 3 घण्टे तक चलने वाली यात्रा ने तलेटी की वंदना की फिर काफिला शत्रुंजय उत्सव स्थल पर आया । यहां लाभार्थी परिवार ने मुनि भगवन्तों की आगवानी सामैया के साथ गहुंली के साथ की । कार्यक्रम स्थल पर मुनिभगवन्तो के वरद हस्तो से चलित जिन मंदिर और गुरूमंदिर के मुख्यद्वार पर वासक्षेप किया गया ।उसके पश्चात आर्ट गैलरी का भी उद्घाटन किया गया ।
इस अवसर पर श्री आदिनाथ राजेन्द्र जैन श्वे पेढ़ी ट्रस्ट की ओर से महामंत्री फतेलाल कोठारी , मैनेजिंग ट्रस्टी सुजानमल सेठ, कोषाध्यक्ष हुकमीचन्द वागरेचा ,ट्रस्टी मेघराज जी जैन ,बाबूलाल डोडिया गांधी, जयंतीलाल बाफना ,मांगीलाल रामाणी ,जयंतीलाल कंकु चोपड़ा , आनंदीलाल जी अम्बोर सांकल चन्दजी तांतेड़ व राजगढ़ श्री संघ से राजेन्द्र खजांची , अरविंद जैन छोटेलाल मामा , सन्तोष चत्तर , बसंतीलाल मेहता विकास नाहर टांडा , उज्जैन से संजय नाहर , इंदौर से अशोक जैन सन्तोष पुरानी आनंदीलाल खजांची नागदा से सुनील कोठारी ,सुरेन्द्र काँकरिया ,नागदा परिवार सहित बड़ी संख्या उपस्थित रहे।
मुनिश्री ने प्रवचन में कहा कि यह चातुर्मास सिर्फ आत्मा के उत्थान के उद्देश्य से सिद्ध भूमि पर करवाया जा रहा है इस चातुर्मास से सिर्फ आत्मा के कल्याण हेतु चर्चा होगी यहां 1 मिनट भी फालतू नही गवाना है सिर्फ धर्म की चर्चा और धार्मिक क्रिया में ही अपना समय लगाना है मुनिश्री ने सभी आराधकों को पूरे दिन में प्रतिदिन होने वाली गतिविधियों की भी जानकारी प्रदान की ।