इंदौर। मालव केसरी प्रसिद्ध वक्ता पूज्य श्री सौभाग्यमल जी म.सा के सुशिष्य श्रमणसंघीय प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी म.सा निर्भय आदि ठाणा 8 का चातुर्मासिक मंगल प्रवेश सोमवार को प्रातः 8 बजे जंगमपुरा पोरवाल स्थानक भवन इन्दौर से प्रारंभ होकर राजवाडा स्थित महावीर भवन पर हुआ, मंगल प्रवेश समारोह मे देशभर के विभिन्न प्रांतो के श्री संघ से आये हजारो गुरु भक्तो का जन सैलाब उमड़ा, गुरु सौभाग्य प्रकाश भक्त मंडल के प्रांतीय सदस्य हेमंत वागरेचा ने बताया की प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी म.सा निर्भय एवं महासती श्री रमणीक श्री जी म.सा रंजन आदि ठाणा 8 का चातुर्मासिक प्रवेश चल समारोह प्रातः 8 बजे प्रारंभ हुआ, चल समारोह के प्रारंभ से पुर्व जंगमपुरा पोरवाल श्री संघ के द्वारा नवकारसी का आयोजन किया गया, प्रवेश समारोह मे इन्दौर भाजपा महापौर पुष्पमित्र भार्गव आदि विभिन्न राजनितिक हस्तियो ने उपस्थित होकर प्रवर्तक श्री की आगवानी करी, मंगल प्रवेश यात्रा पोरवाल भवन से प्रारंभ होकर इंदौर शहर के प्रमुख मार्गो से होते हुए इंदौर के हर्दय स्थल राजवाडा स्थित महावीर भवन पर पहुंची, प्रवेश यात्रा मे पुरुष वर्ग सफ़ेद वस्त्र मे साफ़ा बांधे हुए एवं महिलाए केसरिया साड़ी पहन कर उपस्थित हुए, सम्पूर्ण प्रवेश यात्रा मे युवा मंडल जय गुरु सौभाग्य जय गुरु प्रकाश के गगनभेदी जयकार लगाते हुए एवं महिलाए मंगल गीत गाते हुए चल रहे थे, प्रवेश यात्रा महावीर भवन पर पहुंची जहाँ पर महामंत्री रमेश भंडारी सहित श्री संघ के सभी पदाधिकारी ने प्रवर्तक श्री एवं महासती मंडल की आगवानी करी, प्रवेश यात्रा के पशचात धर्मसभा का आयोजन हुआ, धर्मसभा को संबोधित करते हुए प्रवर्तक श्री प्रकाशमुनि जी म.सा ने कहा की ईस जीव ने अनेको बार अलग अलग भव मे अलग अलग रुप मे मंगल प्रवेश किया है, ये प्रकिया अंनत भव से चली आ रही है, चातुर्मास का उद्देश्य धर्म आराधना करके भव भ्रमण से मुक्त होने का होना चाहिए, आप सभी अधिक से अधिक धर्म आराधना करे, आगे पूज्य श्री ने कहा की मंगल दो प्रकार के होते है, द्रव्य मंगल ओर भाव मंगल, द्रव्य मंगल कभी कभी अशुभ भी हो सकता है परंतु भाव मंगल हमेशा शुभ ही होता है, प्रवर्तक श्री के द्वारा 22 जुलाई को मालव केसरी श्री सौभाग्यमल जी म.सा के 38 वे पुण्यस्मृति दिवस पर 504 तेला तप करने का आवाहन किया गया, धर्मसभा को महासती श्री रमणीक श्री जी म.सा ने भी संबोधित किया, समाज के पिन्टु वागरेचा ने बताया की धर्मसभा के पश्चात देश के विभिन्न प्रांत से आये श्री संघो के प्रमुख प्रतिनिधियो के द्वारा प्रवर्तक श्री के आगामी वर्ष 2023 से लेकर वर्ष 2030 तक के चातुर्मास अपने अपने श्री संघ मे करने की विनती करी गयी, प्रवर्तक श्री के द्वारा सभी संघो को समय आने पर चातुर्मास घोषणा का निर्णय लेने का आश्वासन दिया गया, राजगढ श्री संघ से भी 8 सदस्यी प्रतिनिधि मंडल चातुर्मास प्रवेश के लिए इंदौर पहुँचा, राजगढ श्री संघ के द्वारा प्रवर्तक श्री एवं महासती मंडल से चातुर्मास के पश्चात राजगढ पधारने की विनती करी गयी ।